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Faridabad News: भारत में तुलसी को मां का रूप मानकर घर-घर में पूजा की जाती है. यह सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. तुलसी में विटामिन, आयरन, जिंक और एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं.

भारत में तुलसी को मां का रूप माना जाता है और घर-घर में इसकी पूजा होती है. धार्मिक महत्व के साथ तुलसी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. लोग इसे चाय, काढ़ा और दवा के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

तुलसी की पत्तियां विटामिन सी, जिंक, आयरन और कैल्शियम से भरपूर होती हैं. इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं और कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.

कई लोग तुलसी की पत्तियां सीधे तोड़कर चबाते हैं. उन्हें लगता है कि इससे फायदा ज्यादा होगा. लेकिन यह आदत सही नहीं है. तुलसी की पत्तियों में मौजूद तत्व दांतों और मसूड़ों पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं.

तुलसी की पत्तियों को बार-बार चबाने से दांतों में सड़न शुरू हो सकती है. इनमें मौजूद पारा और आयरन दांतों को कमजोर बना देते हैं. धीरे-धीरे दांत पीले पड़ने और कीड़े लगने जैसी समस्या भी हो सकती है.

अगर तुलसी की पत्तियां अधिक मात्रा में चबाई जाएं तो पाचन तंत्र पर असर पड़ता है. इससे पेट दर्द, गैस और दस्त जैसी परेशानियां हो सकती हैं. इसलिए तुलसी की पत्तियों को सीधे चबाने से बचना चाहिए.

तुलसी की पत्तियां ज्यादा खाने से पायरिया की समस्या हो सकती है. मसूड़ों से खून निकलने लगता है और मुंह से बदबू भी आ सकती है. लंबे समय तक यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है जिससे दांत भी प्रभावित होते हैं.

तुलसी का फायदा लेने के लिए इसकी पत्तियां चबाने की बजाय काढ़ा, चाय या उबालकर पानी पीना बेहतर है. इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और पेट की दिक्कतें भी नहीं होतीं.
(यह खबर सामान्य जानकारियों पर आधारित है. किसी भी तरह की विशेष जानकारी के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ से उचित सलाह लें.)
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