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Gulab Jamun Recipe: त्योहार और खास मौकों पर होटल जैसे गुलाब जामुन हर किसी की पहली पसंद होते हैं, लेकिन इन्हें घर पर भी देसी स्टाइल में आसानी से बनाया जा सकता है. पारंपरिक तरीके से तैयार किए गए गुलाब जामुन न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सेहत के लिए भी सुरक्षित रहते हैं.

बागेश्वर: दूध से बना खोया ही गुलाब जामुन की असली जान है. ताजा खोया जितना शुद्ध होगा, गुलाब जामुन उतने ही नरम और स्वादिष्ट बनेंगे. देसी अंदाज में इन्हें तैयार करने के लिए खोये में थोड़ा-सा मैदा या सूजी मिला सकते हैं. इसका मुलायम आटा गूंथकर छोटे गोल बॉल बनाएं और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तलें. जब ये हल्के भूरे हो जाएं, तो गरमागरम चाशनी में डाल दें. यही देसी स्टाइल गुलाब जामुन को होटल जैसा स्वाद देता है.

बागेश्वर: देसी गुलाब जामुन का स्वाद उसकी चाशनी पर निर्भर करता है. चीनी की एक तार वाली चाशनी गुलाब जामुन के लिए आदर्श मानी जाती है. चाशनी में थोड़ी इलायची और गुलाबजल डालने से इसकी खुशबू और मिठास दोनों बढ़ जाती हैं. ध्यान रखें कि चाशनी ज्यादा गाढ़ी या पतली न हो, वरना गुलाब जामुन या तो सख्त रह जाएंगे या टूट जाएंगे. जब तले हुए गुलाब जामुन गरम चाशनी में भिगोए जाते हैं, तो उनका स्वाद होटल जैसा बन जाता है.

बागेश्वर: कुशल गृहिणी किरन पांडे ने Bharat.one को बताया कि गुलाब जामुन का आधार खोया होता है. खोया बनाने के लिए दूध को धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए गाढ़ा किया जाता है. जब दूध से पानी अलग होकर मावा बन जाए, तब उसे ठंडा होने दें. यही ताजा खोया स्वादिष्ट गुलाब जामुन की नींव है. बाजार के मिलावटी खोये की जगह घर का शुद्ध खोया उपयोग करने से मिठाई स्वादिष्ट और सेहतमंद बनती है. देसी तरीके से तैयार खोया ही असली नर्म गुलाब जामुन का राज है.

बागेश्वर: गुलाब जामुन तलते समय तापमान का खास ध्यान रखना जरूरी है. अधिक तेज आंच पर तलने से जामुन बाहर से जल जाते हैं, और अंदर कच्चे रह जाते हैं. इसलिए इन्हें धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तलना चाहिए. तलने के लिए घी या रिफाइंड ऑयल दोनों का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन देसी घी का स्वाद और महक लाजवाब होती है. जब जामुन का रंग हल्का भूरा हो जाए तो समझिए वो तैयार हैं. यही तकनीक होटल जैसी फिनिशिंग देती है.

बागेश्वर: गुलाब जामुन का बेस जितना मुलायम होगा. मिठाई उतनी ही स्वादिष्ट बनेगी. खोये में थोड़ा-सा मैदा या सूजी मिलाकर हल्का और चिकना आटा तैयार किया जाता है. आटा बहुत सख्त या बहुत ढीला नहीं होना चाहिए. अगर यह सही तरह से गूंथा गया हो तो तलते समय जामुन न फटते हैं, न सख्त होते हैं. देसी गृहिणियां अक्सर इसमें थोड़ा दूध मिलाकर उसे और भी स्मूद बनाती हैं. यही रहस्य है होटल जैसे मुलायम गुलाब जामुन का.

बागेश्वर: तले हुए गुलाब जामुन को तुरंत गरम चाशनी में डालना चाहिए. जब दोनों का तापमान लगभग समान हो, तब जामुन बेहतर तरीके से चाशनी सोखते हैं. इन्हें कम से कम 30 मिनट तक भिगोने से अंदर तक मिठास पहुंचती है. अगर चाशनी ठंडी या बहुत गाढ़ी होगी तो जामुन में स्वाद नहीं घुलेगा. यही छोटा-सा राज उन्हें नर्म, रसदार और होटल जैसे स्वादिष्ट बनाता है.

बागेश्वर: घर पर बनाए गए गुलाब जामुन में शुद्ध सामग्री का प्रयोग होता है. दूध से तैयार खोया, देसी घी और घर की बनी चाशनी मिठाई को सुरक्षित और हेल्दी बनाते हैं. बाजार की मिठाईयों में प्रायः रंग और प्रिजर्वेटिव मिलाए जाते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. देसी स्टाइल में तैयार गुलाब जामुन स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शरीर के लिए भी सुरक्षित रहते हैं. त्योहारों में इस देसी मिठास का आनंद लेना स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है.

बागेश्वर: घर के बने गुलाब जामुन हर त्योहार की मिठास को दोगुना कर देते हैं. इन्हें जब देसी स्टाइल में ताजा खोये, शुद्ध घी और सुगंधित चाशनी से बनाया जाए, तो इनका स्वाद हर किसी का मन मोह लेता है. मेहमानों को परोसते समय गरमागरम गुलाब जामुन की खुशबू माहौल को खास बना देती है. यही वजह है कि देसी अंदाज में बने गुलाब जामुन अब फिर से लोकप्रिय हो रहे हैं.
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