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Karwa Chauth 2025 Moon rise: करवा चौथ व्रत का पारण चंद्रमा पूजा से होता है. लेकिन, कई बार बादल होने के कारण चांद नहीं दिखता. ऐसे में व्रत का पारण कैसे करें. जानें उपाय… (रिपोर्ट:शुभम/उज्जैन)

करवाचौथ का व्रत नजदीक है. घरों में तैयारियां चल रही हैं. अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हर साल यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. करवाचौथ पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.

शाम को चांद दिखने पर उसकी पूजा की जाती है. लेकिन, कई बार खराब मौसम के कारण आसमान में चांद दिखाई नहीं देता. यदि इस साल करवाचौथ पर चांद दिखाई न दे तो घबराने की जरूरत नहीं. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज ने बताया कि अगर वती महिलाओं को चांद न दिखे तब उनका व्रत महादेव पूरा कराते हैं. जानें कैसे.

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे के लगभग तक रहेगी. ऐसे में इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा.

करवा चौथ पर चंद्र पूजा पति की दीर्घायु, अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की कामना के लिए की जाती है. चंद्रमा को शांति, समृद्धि और मन की स्थिरता का प्रतीक माना जाता है.

चंद्रमा की पूजा से मन शांत होता है, जिससे पति-पत्नी के बीच का रिश्ता मजबूत होता है. साथ ही यह जल और पृथ्वी के तत्वों का भी सम्मान करता है, जो दांपत्य जीवन की खुशहाली से जुड़ा है.

चांद न दिखने पर महिलाएं करवा चौथ की रात पास के किसी शिव मंदिर में जाएं, जहां पर भगवान शिव के माथे पर चंद्रमा स्पष्ट रूप से दिखता हो. भगवान शिव के माथे पर चंद्रमा सदैव सुशोभित रहता है.

आप चंद्रोदय के बाद मंदिर में जाकर शिव जी के माथे पर लगे चंद्रमा को अर्घ्य देकर करवा चौथ का पारण करके व्रत को पूरा कर सकती हैं. इस उपाय को करने से व्रत का पुण्यफल मिलेगा.

चांद न दिखे तो दूसरा उपाय भी है. चंद्रोदय के समय के बाद आप चांदी का एक सिक्का या फिर चांदी का एक गोल टुकड़ा ले लें. उसे चंद्रमा का प्रतिरूप मानकर उसकी पूजा करें. उसे चंद्रमा मानकर करवा चौथ का अर्घ्य दें. फिर पारण करके व्रत को पूरा कर लें. क्योंकि, चंद्रमा का शुभ रत्न चांदी है. ऐसा करने से भी व्रत ख्स पुण्यफल मिलेगा.