Tuesday, October 21, 2025
29 C
Surat

दिवाली के बाद इस दिन पशु मनाते हैं छुट्टी, होता है भव्य श्रृंगार, खाते हैं खुब सारे अच्छे पकवान


Last Updated:

Diwali 2025 Special: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में दिवाली के बाद त्योहार रंग फिका नहीं पड़ता है. आज के दिन यहां पशुओं के लिए एक विशेष पूजा की जाती है. उन्हें सजाया जाता है, पकवान खिलाए जाते हैं और शोभायात्रा निकाली जाती है.

खरगोन. मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल में दिवाली का त्योहार खत्म होने के बाद भी उत्सव का रंग फीका नहीं पड़ता. यहां दिवाली के अगले दिन पशु छुट्टी मनाते हैं. इस दिन न तो उनसे कोई काम कराया जाता है और न ही खेतों में उन्हें जोता जाता है. बल्कि, पशुओं का श्रृंगार किया जाता है, उन्हें पकवान खिलाए जाते हैं और पूरे गांव में उनका नगर भ्रमण कराया जाता है.

यह परंपर पड़वा के दिन यानी दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा वाले दिन निभाई जाती है. इस साल अमावस्या दो दिन होने से पड़वा 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी. ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण को गायों और पशुओं से अत्यधिक लगाव था, इसलिए इस दिन उनके प्रति प्रेम और सम्मान जताने के लिए लोग अपने पशुओं का विशेष श्रृंगार करते हैं. गांव-गांव में पशुओं की पूजा की जाती है और उन्हें आशीर्वाद स्वरूप मिठाइयां और चारे के साथ खास व्यंजन खिलाए जाते हैं. सींगों को चमकीले रंगों से सजाते हैं.

खरगोन जिले के ग्रामीण इलाकों में इस दिन हर घर का नजारा अलग ही होता है. खेतों में काम करने वाले बैल, गाय, बकरी आदि को स्नान कराकर उनके शरीर पर रंगों से डिजाइन बनाई जाती है. उनके सींगों को चमकीले रंगों से सजाया जाता है. बच्चों और महिलाओं में भी इस आयोजन को लेकर खूब उत्साह रहता है.

पशुओं की श्रृंगार सामग्री 
पशुओं के श्रृंगार के लिए बाजारों में पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं. दुकानों पर ‘ पशु आभूषण’ नाम से खास सजावट के सामान बिकते हैं. दुकानदार हरचरण सिंह मुच्छाल बताते हैं कि तीन प्रमुख आभूषण सबसे ज्यादा खरीदे जाते हैं. पहला ‘मछवंडी’, जो रंग-बिरंगे धागों से बुना जाता है और सिर पर बांधा जाता है. दूसरा ‘कांडा घुंघरू’, जिसे गले में हार की तरह पहनाया जाता है. तीसरा ‘मोरकी’, जो जालीदार डिज़ाइन में पशु के मुंह पर बंधी जाती है.

निकलती है पशुओं की शोभायात्रा 
कई जगहों पर इस दिन पशुओं की शोभायात्रा भी निकाली जाती है. लोग ढोल-ढमाकों के साथ अपने सजे-धजे पशुओं को लेकर निकलते हैं. बच्चे उन्हें रंगीन पट्टे और फूलों से सजाते हैं. यह परंपरा न केवल श्रद्धा और संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि इंसान और पशु के बीच आत्मीय संबंधों को भी दर्शाती है.

authorimg

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a… और पढ़ें

न्यूज़18 हिंदी को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homemadhya-pradesh

दिवाली के बाद इस दिन पशु मनाते हैं छुट्टी, होता है भव्य श्रृंगार

Hot this week

High protein vegetarian foods। प्रोटीन से भरपूर शाकाहारी भोजन

Protein Rich Indian Food: आप सोचते हैं कि...

Topics

Vastu tips for home। घर के लिए वास्तु टिप्स

Painting For Positivity: हर किसी का सपना होता...

Wednesday Tarot card horoscope 22 October 2025 | आज का टैरो राशिफल, 22 अक्टूबर 2025

मेष (टेन ऑफ़ वैंड्स) का टैरो राशिफल (Aries...

Easy kitchen cleaning tips। जले बर्तन कैसे साफ करें

Kitchen Cleaning Tips: त्योहारों का मौसम आते ही...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img