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Ayurveda for weight loss: मोटापा कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय और संतुलित जीवनशैली के फायदे.


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Ayurvedic herbs effective for weight loss: मोटापा शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है. आयुर्वेद में इसे स्थौल्य कहा गया है, जिसमें कफ दोष बढ़ता है. गिलोय, गुग्गुलु, त्रिफला जैसी औषधियां सहायक हैं. संतुलित जीवनशैली जरूरी है.

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क्या है ‘माइंडफुल ईटिंग’? फिट रहने के लिए क्यों जरूरी, जानें आयुर्वेदिक फायदे

आज के समय में मोटापा (Obesity) सिर्फ वजन बढ़ने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पूरे शरीर की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली गंभीर स्थिति बन गया है. जब शरीर में अतिरिक्त वसा (Fat) जमा हो जाती है, तो इसका असर सीधे हृदय, पाचन तंत्र (Metabolism) और शरीर की ऊर्जा यानी वाइटैलिटी (Vitality) पर पड़ता है. इसके कारण व्यक्ति को लगातार थकान, सुस्ती और भारीपन महसूस होता है. धीरे-धीरे यह स्थिति ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग जैसी कई समस्याओं को जन्म देती है.

आयुर्वेद में मोटापे को “स्थौल्य” कहा गया है. यह स्थिति तब पैदा होती है जब शरीर में कफ दोष (Kapha Dosha) बढ़ जाता है. कफ दोष के बढ़ने से शरीर भारी, ठंडा और आलसी महसूस करने लगता है. आयुर्वेद के अनुसार, मोटापा केवल शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि यह जीवनशैली और मानसिक असंतुलन का परिणाम है. गलत खान-पान, अधिक तैलीय और मीठे पदार्थों का सेवन, देर रात भोजन करना, कम शारीरिक गतिविधि, तनाव और नींद की कमी. ये सभी वजहें शरीर में असंतुलन लाकर मोटापा बढ़ाने का कारण बनती हैं.

आयुर्वेद यह नहीं कहता कि वजन घटाने के लिए भूखे रहें या सख्त डाइट अपनाएं. इसके बजाय यह सिखाता है कि आहार (Diet) और विहार (Lifestyle) के बीच संतुलन बनाए रखना ही असली समाधान है. दिन की शुरुआत हल्के योग, प्राणायाम या सूर्य नमस्कार से करना शरीर के मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखता है. भोजन में ताजे, हल्के और सुपाच्य आहार जैसे मूंग दाल, सब्जियां, जौ या रागी का सेवन करने की सलाह दी जाती है. साथ ही भोजन को धीरे-धीरे और ध्यानपूर्वक खाने पर जोर दिया गया है, जिसे आज की भाषा में ‘माइंडफुल ईटिंग’ (Mindful Eating) कहा जाता है. यह न केवल पाचन को बेहतर बनाता है, बल्कि अनावश्यक खाने की आदत को भी नियंत्रित करता है.

आयुर्वेदिक ग्रंथों में कई ऐसी जड़ी-बूटियों का उल्लेख मिलता है जो मोटापा कम करने में सहायक होती हैं. इनमें गिलोय (Guduchi) शरीर से विषैले तत्वों को निकालकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. गुग्गुलु (Guggul) शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में कारगर माना जाता है, क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है. वहीं त्रिफला (Triphala), आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण. पाचन क्रिया को सुधारता है और शरीर को अंदर से डिटॉक्स करता है. ये सभी औषधियां प्राकृतिक रूप से शरीर को संतुलित करती हैं और वजन घटाने की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाती हैं.

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Vividha Singh

विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें

विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-what-is-mindful-eating-ayurvedic-herbs-effective-for-weight-loss-know-balanced-methods-ws-kl-9770467.html

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