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अयोध्या में 3 दिन में 2 परिक्रमाएं, पहली 5 कोस, दूसरी 14 कोस, जानिए क्या है इनका धार्मिक महत्व


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Ayodhya News: हिंदू पंचांग के अनुसार 14 कोसी की परिक्रमा अक्षय नवमी के दिन शुरू होती है. जो इस वर्ष 29 अक्टूबर दिन बुधवार रात्रि 4:51 से प्रारंभ होकर 30 अक्टूबर दिन गुरुवार रात्रि 4:40 तक चलेगी.  दूसरी तरफ पंच कोसी की परिक्रमा देव उठानी एकादशी तिथि के दिन शुरू होती है.

सनातन धर्म में कार्तिक का माह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने कई प्रमुख बड़े पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं. कार्तिक के इस पवित्र महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में भी आते हैं.कार्तिक माह में अयोध्या में पारंपरिक 14 कोसी और पंचकोशी की परिक्रमा भी की जाती है. इस परिक्रमा में कई लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं.

खास बात यह है कि तीन दिनों के अंतराल में 14 कोसी और पंचकोशी की परिक्रमा अयोध्या में होती है कार्तिक माह के अक्षय नवमी तिथि को अयोध्या में जहां 14 कोसी की परिक्रमा साल में एक बार की जाती है. दूसरी तरफपांच कोश की परिक्रमा देवउठनी एकादशी तिथि के दिन शुरू होती है. इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं की 14 कोसी परिक्रमा में राम भक्तों को कितना दूर परिक्रमा करनी पड़ती है. पांच कोश की परिक्रमा में कितना किलोमीटर परिक्रमा होती है.

14 कोसी की परिक्रमा अक्षय नवमी के दिन शुरू
दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार 14 कोसी की परिक्रमा अक्षय नवमी के दिन शुरू होती है. जो इस वर्ष 29 अक्टूबर दिन बुधवार रात्रि 4:51 से प्रारंभ होकर 30 अक्टूबर दिन गुरुवार रात्रि 4:40 तक चलेगी.  दूसरी तरफ पंच कोसी की परिक्रमा देव उठानी एकादशी तिथि के दिन शुरू होती है. 31 अक्टूबर दिन शुक्रवार रात्रि 4 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर दिन शनिवार को देर रात्रि 2:57 तक चलेगी.14 कोसी परिक्रमा में अयोध्या के 14 कोसी की परिक्रमा की जाती है.  अयोध्या के सांस्कृतिक सीमा में 42 किलोमीटर की परिक्रमा होती है जो अयोध्या क्षेत्र में की जाती है. इस परिक्रमा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. सरयू में स्नान कर परिक्रमा शुरू की जाती है  दूसरी तरफ पंच कोसी की परिक्रमा अयोध्या धाम के क्षेत्र में होती है. जो लगभग 10 से 15 किलोमीटर की होती है .पंच कोसी की परिक्रमा करने से धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है

14 कोसी परिक्रमा धार्मिक स्थलों पर की जाती
राम कचहरी चारों धाम मंदिर के महंत शशिकांत दास बताते हैं कि धार्मिक मान्यता के अनुसार 14 कोसी परिक्रमा धार्मिक स्थलों पर की जाती है जैसे अयोध्या मथुरा में होती है जो भी श्रद्धालु नियम पूर्वक 14 कोसी की परिक्रमा धार्मिक स्थल मथुरा और अयोध्या में करते हैं. उनको अच्छे पुण्य की प्राप्ति भी होती है. साथ ही जन्म जन्मांतर जीवन में किसी प्रकार कोई समस्या नहीं होता.परिक्रमा करने से सभी तीर्थ का फल एक साथ प्राप्त होता है.

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अयोध्या में 3 दिन में 2 परिक्रमाएं, पहली 5 कोस, दूसरी 14 कोस, जानिए मान्यता

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