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Boil yellow Harsingar leaves in water without any expense, you will get instant relief from these serious diseases, learn the home remedy here. – Himachal Pradesh News


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भारत की प्राचीन आयुर्वेद परंपरा में हरसिंगार (नाइट जैस्मिन) के पत्तों को औषधीय गुणों का भंडार माना गया है. बिना किसी खर्चे के घर पर ही तैयार किया जाने वाला हरसिंगार का काढ़ा कई गंभीर बीमारियों, खासकर साइटिका जैसे नसों के दर्द में बेहद लाभदायक साबित होता है. इसके पत्तों में मौजूद प्राकृतिक तत्व शरीर की सूजन कम करते हैं, दर्द को नियंत्रित करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं. आइए जानते हैं हरसिंगार के पत्तों से जुड़ा यह आसान घरेलू उपाय और इसके चमत्कारी फायदे.

हरसिंगार

भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद हजारों सालों से जड़ी-बूटियों और पेड़-पौधों की शक्ति को पहचानती आई है. इनमें से कई पौधे ऐसे हैं जिन्हें हम रोज अपने घरों या बगीचों में देखते हैं, लेकिन उनके छिपे औषधीय गुणों के बारे में अक्सर पता नहीं होता. इसका नतीजा यह होता है कि स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं और खर्च भी अधिक हो जाता है. ऐसे ही एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधे में शामिल है हरसिंगार का पौधा, जिसे अंग्रेज़ी में नाइट जैस्मिन (Night Jasmine) कहा जाता है.

हरसिंगार

हरसिंगार में छोटे-छोटे सफेद फूल होते हैं, जिनके बीच हल्का नारंगी रंग होता है. ये फूल बरसात के मौसम में खूब दिखाई देते हैं. यह पेड़ न केवल देखने में सुंदर होता है, बल्कि इसके पत्ते बड़े-बड़े दर्द और बीमारियों को ठीक करने में भी बेहद कारगर होते हैं. हरसिंगार के पत्ते कई गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोगी माने जाते हैं, यहां तक कि साइटिका जैसी बीमारी में भी यह प्रभावी साबित होते हैं.

हरसिंगार

हरसिंगार के पत्तों में पैरिडाइन ग्लाइकोसाइड, नायक्थिन और अल्कलॉइड्स जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो नसों की सूजन कम करने, दर्द को नियंत्रित करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. यही कारण है कि हरसिंगार के पत्ते साइटिका के दर्द में बेहद राहत देते हैं.

हरसिंगार

साइटिका के लक्षणों में कमर से लेकर एड़ी तक नसों में असहनीय दर्द शामिल होता है. कई बार चलना-फिरना तो दूर, खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है. इस बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए हरसिंगार के पत्ते किसी वरदान से कम नहीं हैं.

हरसिंगार

आयुर्वेदाचार्य डॉ. ओम राज के अनुसार, हरसिंगार और निर्गुंडी के ताजे पत्तों का काढ़ा साइटिका के दर्द में बेहद असरदार होता है. इसके लिए दोनों के 50-50 पत्ते 1 लीटर पानी में उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए. इसे छानकर 1 ग्राम केसर मिलाएं और बोतल में भर लें. रोज सुबह-शाम खाली पेट लगभग 50 मिलीलीटर पिएं, कुछ ही दिनों में साइटिका के दर्द से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी.

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इस पत्ते से घर बैठे करें साइटिका का इलाज, औषधीय लाभ के लिए आपनाएं ये आसान उपाय


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