Saturday, October 25, 2025
24.6 C
Surat

बदला धीरेंद्र शास्त्री का घर, दिखने लगा नया रूप, यही दे रहे प्रवचन!


Last Updated:

Pandit Dhirendra Shashtri Katha: छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 24 अक्टूबर 2025 से बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की सत्यनारायण कथा शुरू हुई है, जिसका समापन 26 अक्टूबर को होगा. लेकिन इस बार ये कथा किसी बड़े टेंट-पंडाल में नहीं बल्कि एक झोपड़ी में हो रही है. दरअसल, ये वही झोपड़ी है जहां पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का बचपन बीता है. 

Pandit Dhirendra Shastri. बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जिनकी कथाएं बड़े- बड़े टेंट पंडालों के नीचे ही देखने को मिलती हैं. इनकी कथा को सुनने लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन इस बार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री किसी बड़े पंडाल के नीचे नहीं बल्कि अपने उस छोटे से पुराने खपरैल वाले घर में कथा कर रहे हैं जहां उनका बचपन बीता था.

इसी घर में बीता बचपन 
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री बताते हैं कि यह वही पुराना घर है जहां मेरा बचपन बीता है. इसी घर में जन्मे, यहीं रहकर पले-बढ़े हैं. इसलिए इस घर से यादें बहुत जुड़ी हुई हैं. यह वही घर है जहां हम जन्मे सभी त्योहार मनाते थे. हालांकि, पहले गरीबी थी तो इन त्योहारों में मनपसंद भोजन भी नहीं मिल पाता था. जब थोड़ा बड़े हुए तो गढ़ा गांव में ही कथा सुनाने लगे. घर-घर सत्यनारायण कथा करने जाते थे.  सत्यनारायण कथा में 5 रुपए दक्षिणा मिलती थी. फिर इसी दक्षिणा से चाय के साथ बिस्किट खाकर इसी खपरैल वाले घर में सो जाते थे.

सत्यनारायण कथा की सुनाई महिमा 
पंडित धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि बागेश्वर सरकार, संन्यासी बाबा और गुरु दादा के आशीर्वाद से भले ही आज कथाएं बड़े-बड़े पंडाल में करने लगा हूं. लेकिन पहले लोगों के घरों में जाकर सत्यनारायण कथा किया करता था. मैंने अपनी कथा की शुरुआत सत्यनारायण कथा से ही की थी. इसलिए एक बार फिर सत्यनारायण कथा कर रहा हूं. धीरेन्द्र शास्त्री बताते हैं कि लोग सत्यनारायण कथा अब तभी सुनते हैं जब किसी के घर का प्रवेश कार्यक्रम होता है या किसी के घर में ब्याह कर बहू लाई जाती है. इसलिए हम चाहते हैं कि ये कथा लोग बिसराए नहीं.

गांव की बस्ती से बाहर बना पुराना घर
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का ये पुराना घर गांव की बस्ती से बाहर बना हुआ है. यहां आज भी पहले की तरह एक ही कमरा बना है. घर में दरवाजे आज भी पुराने लगे हुए हैं. हालांकि, कुछ विस्तार किया गया है. कमरे में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की पुरानी फोटो भी रखी गई हैं. पुराना कुछ सामान भी रखा गया है. इसी कमरे में हनुमान जी और संन्यासी बाबा का स्थान भी है. यहां आकर श्रद्धालु हनुमान जी और सन्यासी बाबा को प्रणाम करते हैं.

पुराने घर को दिया नया रुप 
इस घर की कच्ची दीवारों में मरम्मत कराकर पेंट किया गया है और दीवारों पर सीताराम और हनुमान जी का नाम लिखा गया है. साथ ही हनुमान जी और संन्यासी बाबा के चित्र बनाए गए हैं. अगर किसी व्यक्ति को घर को देखना है तो सबसे पहले उसे दूसरे दरवाजे से जाना होता था. यहां एक तुलसी घर दिखाई देती है और यहीं पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की फोटो लगी हुई है. साथ ही सन्यासी बाबा और हनुमान जी की भी फोटो लगी हुई है.

authorimg

shweta singh

Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें

Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,… और पढ़ें

न्यूज़18 हिंदी को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homemadhya-pradesh

बदला धीरेंद्र शास्त्री का घर, दिखने लगा नया रूप, यही दे रहे प्रवचन!

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img