Vastu defects By Pigeons : घर का हर कोना अपनी एक खास ऊर्जा रखता है और वास्तुशास्त्र इसी ऊर्जा के प्रवाह को समझने की विद्या है. हमारे घर की उत्तर-पश्चिम दिशा यानी North-West को वायव्य कोना कहा जाता है. यह दिशा वायु तत्व से जुड़ी होती है और इसका असर रिश्तों, विचारों और मन की स्थिरता पर माना जाता है. जब यह कोना संतुलित रहता है तो घर में समझदारी, मेलजोल और मानसिक शांति बनी रहती है. लेकिन जब इस दिशा में कोई अशुद्धि या नकारात्मकता आ जाती है, तो इसका असर संबंधों और मनोस्थिति पर जल्दी दिखने लगता है. अक्सर लोगों के घरों या बालकनी में यह देखने को मिलता है कि बार-बार कबूतर आते हैं और गंदगी कर जाते हैं. कई बार लोग इसे सामान्य बात समझकर अनदेखा कर देते हैं, परंतु वास्तु दृष्टि से यह एक संकेत होता है कि उस दिशा की ऊर्जा गड़बड़ा रही है. यह केवल सफाई या सजावट का मुद्दा नहीं, बल्कि घर की तरंगों और मन की स्थिति से जुड़ा विषय है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कबूतर का इस दिशा में बार-बार आना क्या बताता है और इसका सरल समाधान क्या हो सकता है.
उत्तर-पश्चिम दिशा को वास्तु में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह हवा के प्रवाह और मानसिक संतुलन से संबंधित होती है. यह दिशा हमारे घर के अतिथि, मित्रता, वैचारिक स्थिरता और पारिवारिक सामंजस्य का प्रतीक है. यदि इस दिशा में गंदगी, अव्यवस्था या पक्षियों की अशुद्धता बढ़ जाती है, तो इसका असर सीधा घर के माहौल और सोच पर पड़ता है.
जब इस कोने में कबूतर बार-बार बैठते हैं, घोंसला बनाते हैं या शौच करते हैं, तो यह संकेत होता है कि वहां की ऊर्जा रुक गई है. ऐसे में घर में छोटी-छोटी बातों पर झगड़े बढ़ सकते हैं, मन में बेचैनी या चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है और रिश्तों में दूरी आने लगती है. कई बार यह स्थिति आर्थिक असंतुलन या अनचाहे खर्च का कारण भी बनती है.
कबूतर सामान्यतः उन स्थानों पर जाते हैं जहां स्थिर हवा, नमी या गंदगी होती है. यही कारण है कि जब वे किसी खास दिशा में बार-बार दिखाई दें, तो यह केवल प्राकृतिक नहीं बल्कि ऊर्जा स्तर पर भी संकेत होता है. वास्तुशास्त्र के अनुसार जब किसी दिशा की ऊर्जा “ब्लॉक” हो जाती है, तो वहां नकारात्मक तरंगें जमा होने लगती हैं, जो पूरे घर के वातावरण को प्रभावित करती हैं.
इस दोष से बचने के आसान उपाय:
1. सफाई सबसे पहली प्राथमिकता:
उस जगह को हमेशा साफ, सूखा और व्यवस्थित रखें. कबूतरों को बैठने की जगह न मिले, इसके लिए नेट या जाली लगाएं.

2. वायु प्रवाह बढ़ाएं:
हल्की हवा का प्रवाह बना रहे, इसके लिए उस कोने में खुलापन रखें. बंद या दमघोंटू माहौल न बनने दें.
3. ध्वनि और प्रकाश से संतुलन:
स्टील की 6 रॉड वाली पवन घंटी (wind chime) लगाना शुभ होता है. यह हवा के प्रवाह से सकारात्मक कंपन उत्पन्न करती है.

4. शुद्धिकरण का उपाय:
रोज़ सुबह कपूर या गंगा जल से उस जगह पर छिड़काव करें. इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है.
5. रंग और वातावरण:
इस दिशा में हल्का सफेद, क्रीम या आसमानी रंग रखना बेहतर रहता है. गहरे या भारी रंग ऊर्जा को रोकते हैं.
6. आभार और शांति की भावना रखें:
यह कोना आपके रिश्तों और मन से जुड़ा है, इसलिए वहां हमेशा साफ-सुथरा और शांत माहौल बनाए रखें.







