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Ayodhya News: साधु संतों का ऐसा मानना है कि अगर आप सुंदरकांड अथवा हनुमान चालीसा के चौपाई का अनुसरण कर रहे हैं तो उसका अर्थ आपको पता है तभी उस चौपाई का पुण्य आपको अर्जित होगा. ऐसी स्थिति में कुछ ऐसी चौपाई है जिसका अनुसरण करने से आपके समस्त मनोकामना पूरी होती है.
अयोध्या: इस कलयुग में हनुमान जी महाराज एक ऐसे देवता हैं जो जागृत रूप में विराजमान हैं. ऐसा आशीर्वाद उन्हें माता जानकी ने दिया है. वैसे तो सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है. ठीक उसी प्रकार हनुमान जी महाराज को मंगलवार और शनिवार का दिन समर्पित है. इस दिन हनुमान मंदिरों में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचकर हनुमान जी के महिमा की स्तुति करते हैं.
कहा जाता है हनुमान जी महाराज की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना और हनुमान चालीसा अथवा सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन की हर परेशानियां हर मनोकामना पूरी होती है. ऐसी स्थिति में अगर आप भी मंगलवार और शनिवार के दिन सुंदरकांड या फिर हनुमान चालीसा के कुछ चमत्कारी दोहे का अनुसरण करते हैं, तो जीवन में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं और डर भय से मुक्ति मिलती है. तो चलिए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं…
दरअसल, साधु संतों का ऐसा मानना है कि अगर आप सुंदरकांड अथवा हनुमान चालीसा के चौपाई का अनुसरण कर रहे हैं और उसका अर्थ आपको पता है तभी उस चौपाई का पुण्य आपको अर्जित होगा. ऐसी स्थिति में कुछ ऐसी चौपाई हैं जिसका अनुसरण करने से आपकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है. इसके बारे में विस्तार से राम कचहरी चारों धाम मंदिर के महंत शशिकांत दास बताते हैं.
इन चौपाइयों का करें पाठ
अगर आप किसी रोग से पीड़ित हो इलाज के बावजूद भी आपका रोग नहीं ठीक हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में हनुमान चालीसा के ” नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बल बीरा।। ” का अनुसरण करें.
अगर आप कोई कार्य कर रहे हैं और उस कार्य में सफलता नहीं मिल रही है, तो ऐसी स्थिति में प्रत्येक मंगलवार को ” अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।” हनुमान चालीसा के इस चौपाई का अनुसरण करें .
प्रत्येक मंगलवार और शनिवार के दिन करें पाठ
यदि आप शत्रुओं से परेशान हैं तो ऐसी स्थिति में प्रत्येक मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा के “भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्रजी के काज संवारे।।” का अनुसरण करें
अगर आप विद्या और धन की प्राप्ति करना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में “विद्यावान गुनी अति चातुर। रामकाज करीबे को आतुर।।” हनुमान चालीसा के इस चौपाई का अनुसरण करना चाहिए ऐसा करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं.







