उज्जैन. हिंदू धर्म में दीवाली के बाद पर्वों की झड़ी लग जाती है. उन्हीं तिथियों में से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, जिसे अक्षय नवमी और आंवला नवमी कहा जाता है, बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन विशेष रूप से आंवले के पेड़ का पूजन होता है. मध्य प्रदेश के उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज ने Bharat.one से कहा कि वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर शुरू होकर 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी. इसके बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि शुरू होगी. इस अनुसार उदयातिथि के अनुसार 31 अक्टूबर को आंवला नवमी मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर आंवला नवमी के दिन राशि अनुसार कुछ उपाय कर लिए जाएं, तो सालभर लक्ष्मी-नारायण प्रसन्न रहते हैं.
वृषभ- आंवला नवमी के दिन किसी सार्वजनिक स्थान पर आंवले का पौधा लगाएं और उसकी रोज सेवा करें. ऐसा करने से धन-धान्य में वृद्धि होगी.
मिथुन- इस राशि के जातकों के लिए आंवला नवमी पर परिवार के साथ आंवला पेड़ के नीचे भोजन करना लाभदायक रहेगा. इससे परिवार में खुशहाली बनी रहेगी.
कर्क- नवमी पर आंवले के पेड़ की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाएं और फिर पूजा करें. इससे विशेष लाभ होगा.
सिंह- नवमी के दिन सिंह राशि के जातक आंवला पेड़ की विधि-विधान से पूजा करने के बाद पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें. इससे उनके रुके हुए कार्य पूरे हो जाएंगे.
कन्या- इस राशि के जातक आंवले के पेड़ की जड़ों में रोली, अक्षत और चंदन अर्पित करें. फिर पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें. घर-परिवार में खुशियां बनी रहेंगी.
तुला- इस राशि के जातक आंवला पेड़ पर जल चढ़ाएं और फिर विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें. ऐसा करने से धन-धान्य में वृद्धि होगी.
वृश्चिक- इस राशि के जातक आंवला नवमी के दिन विष्णु जी के सामने घी का दीपक जलाएं और फिर पूजा करें. पूजा में उन्हें आंवले का भोग जरूर लगाएं.
धनु- इस राशि के जातक नवमी के दिन विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें. इससे आर्थिक तंगी दूर होगी.
मकर- इस राशि के जातक आंवला नवमी पर ब्राह्मणों को दान दें. इससे उनके कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होंगी.
कुंभ- इस राशि के जातक विष्णु जी की पूजा के बाद उन्हें आंवले का भोग लगाएं. साथ ही ब्राह्मणों को भी आंवला दान करें, लाभ होगा.
मीन- इस राशि के जातक आंवला नवमी के दिन विष्णु जी की पूजा करें और शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.







