Sun In 7th House Effects: जब आपकी कुंडली में सूर्य सातवें भाव में हो, तो इसका असर आपके जीवन के रिश्तों और साझेदारी पर सबसे ज्यादा दिखता है. ज्योतिष शास्त्र में सातवां भाव वैवाहिक जीवन, साझेदारी और सार्वजनिक संबंधों का घर माना जाता है. सूर्य इस भाव में स्थित होने पर आपकी व्यक्तित्व में आत्मविश्वास और नेतृत्व की झलक तो बढ़ाता है, लेकिन कभी-कभी यह घमंड या अनावश्यक दखलंदाजी भी ला सकता है. सूर्य सातवें भाव में होने पर आपके व्यक्तिगत और पेशेवर रिश्ते दोनों प्रभावित हो सकते हैं. पार्टनर के साथ तालमेल, सामाजिक छवि, और सार्वजनिक सम्मान पर इसका गहरा असर पड़ता है, अगर सूर्य इस भाव में मजबूत स्थिति में हो, तो व्यक्ति की वैवाहिक जिंदगी खुशहाल, साझेदारी लाभदायक और सामाजिक स्थिति मजबूत होती है. वहीं अगर सूर्य कमजोर स्थिति में हो, तो झगड़े, समझौतों में असमर्थता और पार्टनर के साथ गलतफहमियां बढ़ सकती हैं. इस भाव में सूर्य की स्थिति केवल वैवाहिक जीवन तक सीमित नहीं है. यह आपके बिजनेस पार्टनरशिप, क्लाइंट रिलेशन और समाज में आपकी प्रतिष्ठा पर भी असर डालती है. इसलिए यह जरूरी है कि इस भाव में सूर्य के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव को समझा जाए और समय रहते उपाय अपनाए जाएं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
1. वैवाहिक सुख और तालमेल – मजबूत सूर्य साझेदारी और शादीशुदा जीवन में सामंजस्य और समझ बढ़ाता है.
2. सामाजिक प्रतिष्ठा – इस स्थिति में व्यक्ति समाज में सम्मान और मान्यता पाता है.
3. नेतृत्व क्षमता – रिश्तों में निर्णय लेने और सही दिशा दिखाने की क्षमता बढ़ती है.
4. साझेदारी लाभ – बिजनेस या पेशेवर साझेदारी में लाभ और सहयोग मिलता है.
5. आत्मविश्वास – व्यक्तित्व में विश्वास और आकर्षण की चमक आती है.

सूर्य 7वें भाव उपाय
सूर्य सातवें भाव के नकारात्मक प्रभाव
1. झगड़े और विवाद – कमजोर सूर्य रिश्तों में तनाव और विवाद बढ़ा सकता है.
2. अहंकार या दखलंदाजी – पार्टनर पर नियंत्रण जताने की प्रवृत्ति पैदा हो सकती है.
3. समझौता न कर पाने की समस्या – रिश्तों में लचीलापन कम होने से दूरी बढ़ सकती है.
4. साझेदारी में नुकसान – बिजनेस या वित्तीय साझेदारी में नुकसान होने की संभावना.
5. सामाजिक छवि पर असर – अहंकार या विवाद के कारण समाज में प्रतिष्ठा को नुकसान.

उपाय और ध्यान देने वाली बातें
1. सूर्य मंत्र का जाप – “ॐ सूर्याय नमः” का रोज़ाना 108 बार जाप करना लाभकारी है.
2. सूर्य की पूजा – रविवार को सूर्यदेव को जल, गुड़ और लाल फूल चढ़ाएं.
3. सकारात्मक व्यवहार – रिश्तों में अहंकार और दखलंदाजी कम करें, सहयोग बढ़ाएं.
4. सकारात्मक साझेदारी – बिजनेस या शादी में समझदारी और धैर्य से काम लें.
5. दान और सेवा – गरीब और जरूरतमंद को लाल कपड़ा, तिल या अनाज दान करें.
6. सूर्य के रंग पहनना – पीले और लाल रंग के वस्त्र पहनने से ऊर्जा बढ़ती है.
सूर्य सातवें भाव में होने पर अपने व्यवहार और सोच पर ध्यान देना जरूरी है. अपने रिश्तों में सम्मान और सहयोग बनाए रखें, अहंकार और जल्दी गुस्सा करने से बचें. इससे आप इस भाव की नकारात्मक ऊर्जा को कम कर सकेंगे और सकारात्मक प्रभाव को बढ़ा सकेंगे.







