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Dev Uthani Ekadashi geet Utho Dev Baitho Dev Geet Lyrics in hindi | देव उठनी एकादशी के लोकगीत से देवों को जगाएं, उठो देव बैठो देव, पाटकली चटकाओ देव


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Dev Uthani Ekadashi Geet Lyrics: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी का व्रत किया जाता है. इस दिन माताएं शाम के समय घर पर देवों को जगाती हैं और एक पारंपरिक गीत गाती हैं, जो है – ‘उठो देव बैठो देव – पाटकली चटकाओ देव’. यहां पढ़ें देवों को उठाने का गीत…

देव उठनी एकादशी का लोकगीत, उठो देव बैठो देव, पाटकली चटकाओ देव

Dev Uthani Ekadashi Lokgeet Lyrics In Hindi: चार महीनों तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहने के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी का व्रत किया जाता है. इस तिथि को हरिदेव उठावनी या प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इसी दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं और सभी शुभ व मांगलिक कार्यक्रम जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शुरू हो जाते हैं. देव उठनी एकादशी को महापर्व के रूप में देखा जाता है. घर पर जब देव जगाते हैं तो एक पारंपरिक गीत गाया जाता है ‘उठो देव बैठो देव – पाटकली चटकाओ देव’. इस गीत को गाकर देवों को जगाया जाता है. यहां पढ़ें देवउठनी एकादशी का गीत…

देवों को उठाने के लिए सबसे पहले माताएं हाथ जोड़कर मंत्र का जप करें.
ब्रह्मेन्द्ररुदाग्नि कुबेर सूर्यसोमादिभिर्वन्दित वंदनीय,
बुध्यस्य देवेश जगन्निवास मंत्र प्रभावेण सुखेन देव।

अब देव उठने के बाद भगवन् वंदना करें और बोलें उदितष्ठोतिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पते. इसके बाद देव उठनी एकादशी का लोक गीत गाएं…

देवउठनी एकादशी का लोक गीत
उठो देव बैठो देव, पाटकली चटकाओ देव
आषाढ़ में सोए देव, कार्तिक में जागे देव
कोरा कलशा मीठा पानी, उठो देव पियो पानी
हाथ पैर फटकारो देव, आंगुलिया चटकाओ देव
कुवारी के ब्याह कराओ देव, ब्याह के गौने कराओ
तुम पर फूल चढ़ाए देव, घीका दीया जलाये देव
आओ देव पधारो देव, तुमको हम मनाएं देव
चूल्हा पीछे पांच पछीटे, सासू जी बलदाऊ जी धारे रे बेटा
ओने कोने झांझ मंजीरा, सहोदर किशन जी तुम्हारे वीरा
ओने कोने रखे अनार, ये है किशन जी तुम्हारे व्यार
ओने कोने लटकी चाबी, सहोदरा ये है तुम्हारी भाभी
जितनी खूंटी टांगो सूट, उतने इस घर जन्मे पूत
जितनी इस घर सीक सलाई, उतनी इस घर बहुएं आईं
जितनी इस घर ईंट और रोडे, उत‌ने इस घर हाथी-घोड़े
गन्ने का भोग लगाओ देव, सिंघाड़े का भोग लगाओ देव
बेर का भोग लगाओ देव, गाजर का भोग लगाओ देव
गाजर का भोग लगाओं देव, उठो देव उठो

देवउठनी एकादशी पर दीपदान करें
देव उठनी एकादशी के दिन दीपदान का अत्यंत विशेष महत्व बताया गया है. देवउठनी एकादशी की संध्या को कम से कम 11 या 21 दीपक जलाना शुभ माना गया है. यह एकादशी तिथि होने से 11 का अंक भगवान विष्णु का प्रतीक है. अगर संभव हो तो 11 दीप तुलसी माता के समीप और 11 दीप भगवान विष्णु (शालग्राम, लक्ष्मी-नारायण चित्र, या विष्णु शालिग्राम) के समक्ष रखें.

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Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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देव उठनी एकादशी का लोकगीत, उठो देव बैठो देव, पाटकली चटकाओ देव

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