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Kharmas Kab Lagega 2025 Date: खरमास एक साल में दो बार लगता है. एक खरमास नवंबर-दिसंबर और दूसरा मार्च-अप्रैल में लगता है. खरमास एक अशुभ समय है, जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं. आइए जानते हैं कि खरमास कब से शुरू होगा? खरमास का समापन कब होगा? खरमास में शुभ कार्य क्यों नहीं करते हैं?
Kharmas Kab Lagega 2025 Date: खरमास को अशुभ मास या अशुभ दिनों में माना जाता है. खरमास के समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं. खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि जैसे सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. खरमास के खत्म होने के बाद ही शुभ कार्य होते हैं. खरमास शुरू होने से पहले आप अपने सभी शुभ कार्य कर लें, नहीं तो वे अटक जाएंगे. फिर आपको मुहूर्त के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि खरमास कब से शुरू होगा? खरमास का समापन कब होगा?
खरमास कब लगता है?
पंचांग के अनुसार, खरमास साल में दो बार लगता है. एक बार तक जब सूर्य देव गुरु की राशि धनु में आते हैं. दूसरी बार तब, जब सूर्य देव गुरु की ही राशि मीन में गोचर करते हैं, तब खरमास होता है. इस प्रकार से देखा जाए तो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार खरमास नवंबर-दिसंबर और मार्च-अप्रैल में लगता है.
खरमास शुरू होने की तारीख
इस समय नवंबर का महीना चल रहा है. पंचांग के अनुसार, सूर्य देव धनु राशि में 16 दिसंबर दिन मंगलवार को प्रात: 04 बजकर 27 मिनट पर गोचर करेंगे. सूर्य के धनु में प्रवेश करने के साथ ही खरमास लग जाएगा. इस आधार पर खरमास 16 दिसंबर 2025 को लगेगा.
खरमास खत्म कब होगा?
16 दिसंबर को शुरू होने वाला खरमास पूरे एक माह तक रहता है. सूर्य देव जब धनु राशि या मीन राशि से बाहर आते हैं तो उसके साथ ही खरमास का समापन होता है. पंचांग के अनुसार, सूर्य देव जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे, तो खरमास खत्म होगा. उस समय सूर्य की मकर संक्रांति होगी. मकर संक्रांति पर खरमास का समापन होगा.
ऐसे में सूर्य देव मकर राशि में 14 जनवरी 2026, दिन बुधवार को दोपहर 03:13 पी एम पर गोचर करेंगे. उस समय सूर्य की मकर संक्रांति होगी. इस आधार पर खरमास का समापन 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के दिन होगा.
खरमास में 1 माह बंद रहेंगे शुभ कार्य
16 दिसंबर 2025 से लेकर 13 जनवरी 2026 तक खरमास चलेगा. 14 जनवरी 2026 को खरमास खत्म होगा. इस वजह से करीब 1 माह तक कोई भी शुभ काम नहीं होंगे.
खरमास में शुभ कार्य क्यों नहीं होते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के समय में सूर्य की गति धीमी होती है और देव गुरु बृहस्पति की शक्तियां और शुभता में कमी आ जाती है. इस वजह से खरमास में शुभ कार्य नहीं करते हैं. शुभ कार्यों को करने के लिए सूर्य पूर्ण से रूप से गतिमान होने चाहिए और देव गुरु बृहस्पति अपनी संपूर्ण शक्तियों के साथ शुभता प्रदान करने की स्थिति में होने चाहिए. सामान्य रूप से कहें तो सूर्य और गुरु दोनों का उच्च होना जरूरी है.
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें







