कार्तिक पूर्णिमा मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरूआत: 4 नवंबर, मंगलवार, रात में 10:36 बजे से
कार्तिक पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: आज, 5 नवंबर, बुधवार, शाम 6:48 बजे पर
कार्तिक पूर्णिमा स्नान-दान मुहूर्त: 04:52 ए एम से 05:44 ए एम, 06:36 ए एम से 07:58 ए एम, 07:58 ए एम से 09:20 ए एम और 10:42 ए एम से 12:04 पी एम तक.
कार्तिक पूर्णिमा स्नान विधि
यदि आप आज गंगा स्नान करने गए हैं तो मां गंगा का स्मरण करके डुबकी लगाएं. आपको स्नान के समय 5 डुबकी लगानी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पहली डुबकी पूर्व दिशा में मुख करके लगाते हैं. इससे पहले मां गंगा और जल देवता को प्रणाम करना चाहिए. उसके बाद दूसरी डुबकी कुल देवता और इष्ट देवता की कृपा पाने के लिए लगाएं. तीसरी डुबकी उत्तर दिशा में मुख करके लगाएं. इससे माता पार्वती, भगवान शिव, समस्त ऋषियों, गुरुओं की कृपा मिलेगी. चौथी डुबकी पश्चिम दिशा में मुख करके लगाएं. इससे 33 कोटि देवी और देवताओं का आशीर्वाद मिलेगा. पांचवी डुबकी दक्षिण दिशा में मुख करके लगांए. इससे पितरों का कल्याण होगा. स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें. मां गंगा और भगवान विष्णु से अपने कष्टों और पापों से मुक्ति की प्रार्थना करें. गंगा स्नान के समय साबुन, तेल, सर्फ, शैंपू आदि का इस्तेमाल न करें. वह कोई भी कार्य न करें, जिससे गंगा की पवित्रता भंग होती हो.
यदि आप गंगा स्नान नहीं कर रहे हैं तो आपको घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें. स्नान के समय मां गंगा के नाम का स्मरण करें. उसके बाद मां गंगा और भगवान विष्णु की पूजा करें. उनसे पाप और कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें.
कार्तिक पूर्णिमा दान
कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के बाद दान करते हैं. पूर्णिमा को चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर चावल, शक्कर, दूध, सफेद वस्त्र, सफेद चंदन, मोती, चांदी आदि का दान कर सकते है. यह दान आपको किसी गरीब ब्राह्मण को करना चाहिए. इस दान से आपकी कुंडली का चंद्र दोष मिटेगा. चंद्र देव की कृपा से मन मजबूत होगा, मानसिक शांति मिलेगी. जीवन में सुख और समृद्धि आएगी.
कार्तिक पूर्णिमा व्रत मुहूर्त
जो लोग आज कार्तिक पूर्णिमा का व्रत हैं, वे सुबह में सत्यनारायण भगवान की पूजा करें और कथा सुनें. सुबह में पूजा का मुहूर्त 06:36 ए एम से लेकर 09:20 ए एम तक है. शाम के समय में सूर्यास्त के बाद यानि 05:33 पी एम के बाद प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा करें. उनको खीर, सफेद मिठाई का भोग लगाएं. फिर रात में चंद्रमा की पूजा करें. आज चंद्रोदय का समय 05:11 पी एम है. इसके बाद चंद्रमा की पूजा करें और अर्घ्य दें. अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करके कार्तिक पूर्णिमा व्रत का समापन करें.
कार्तिक पूर्णिमा व्रत का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने से धन संकट और दरिद्रत दूर होती है. माता लक्ष्मी की कृपा से धन और वैभव की प्राप्ति होती है. चंद्र दोष दूर होता है.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/kartik-purnima-2025-snan-daan-vidhi-muhurat-4-shubh-yoga-importance-of-kartik-purnima-vrat-ws-ekl-9815044.html







