Last Updated:
पिथौरागढ़: पहाड़ी इलाकों में पाया जाने वाला बुरांश न केवल अपने खूबसूरत रंगों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. यदि आप इसे देखना चाहते हैं, तो वसंत ऋतु में पहाड़ों की यात्रा अवश्य कीजिए, जब यह फूल अपनी पूरी छटा बिखेरता है. आइए जानते है इसकी खासियत…

बुराश का फूल लाल और गुलाबी रंग का होता है, जो केवल पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. यह फूल बेहद आकर्षक और सुंदर होते हैं, जो पहाड़ों की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं.

बुराश एक प्रकार का फूल है जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसका वैज्ञानिक नाम Rhododendron arboreum है. यह उत्तराखंड का राजकीय पुष्प भी है.

बुरांश का फूल पहाड़ी इलाकों में 2000 से 4000 मीटर की ऊंचाइयों पर पाया जाता है. यह फूल पिथौरागढ़ के डीडीहाट क्षेत्र में अधिकतम मात्रा में मिलता है.

बुरांश का फूल वसंत ऋतु में, यानी जनवरी से मार्च के बीच हिमालय क्षेत्र में खिलता है और विशेष रूप से उत्तराखंड में पाया जाता है.

बुरांश एक बेहद उपयोगी फूल है. इसका इस्तेमाल जूस बनाने, सौंदर्य और सजावट में, औषधीय उपयोग में तथा सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यों में भी किया जाता है.

बुरांश के फूल को प्रयोग में लाने के कई तरीके हैं. बुरांश के फूल का शरबत गर्मियों में शरीर को ठंडक देने वाला प्राकृतिक पेय है. यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ हाइड्रेशन भी प्रदान करता है. औषधीय दृष्टि से यह फूल हृदय रोग, सिर दर्द, सांस की समस्याएं और त्वचा से संबंधित रोगों में भी लाभकारी है.

बुरांश के फूल की तासीर ठंडी मानी जाती है, इसीलिए पहाड़ी क्षेत्रों में बुरांश का शरबत गर्मियों के मौसम में अत्यधिक पसंद किया जाता है और लोग इसे खूब पीते हैं.

बुरांश के पत्तों का प्रयोग सिरदर्द, पेट दर्द और त्वचा की सूजन जैसी कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय, लीवर और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बना सकता है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-buransh-ka-phool-a-medicinal-treasure-in-uttarakhand-health-benefits-himalaya-story-local18-ws-kl-9818376.html







