Mercury In 3rd House: कुंडली में बुध को बुद्धि, बात करने की कला, व्यापार, लेखन, तर्क, सोचने-समझने की क्षमता और संचार का ग्रह माना जाता है. जब यह ग्रह तीसरे भाव में होता है, तो इंसान की बोलने की शक्ति, आत्मविश्वास और रिश्तों पर गहरा असर डालता है. तीसरा भाव ज्योतिष में पराक्रम, साहस, भाई-बहन, यात्रा, और कम्युनिकेशन का भाव कहलाता है. इस भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति की सोच, व्यवहार और दूसरों से बातचीत करने के तरीके को बदल देती है. अगर बुध मजबूत हो तो इंसान बहुत समझदार, हाजिरजवाब और बातों से दूसरों को प्रभावित करने वाला होता है. वह अपने विचारों को साफ और तार्किक ढंग से रख पाता है. वहीं अगर बुध कमजोर हो जाए, तो व्यक्ति की सोच में उलझन, बोलचाल में रुकावट या रिश्तों में गलतफहमी जैसी परेशानियां आने लगती हैं. तीसरे भाव में बुध का असर इस बात पर भी निर्भर करता है कि कुंडली में यह ग्रह शुभ है या पाप ग्रहों से प्रभावित. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि बुध तीसरे भाव में हो तो क्या फल देता है, इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव क्या हैं, और कौन-से उपाय इसे मजबूत बनाते हैं.
बुध तीसरे भाव में होने के सकारात्मक प्रभाव
1. बात करने की कला में निपुणता:
इस स्थिति में व्यक्ति बहुत अच्छा वक्ता होता है. उसकी आवाज में आकर्षण होता है और शब्दों का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करता है. ऐसे लोग बातचीत से ही लोगों को प्रभावित कर लेते हैं.
2. बुद्धिमत्ता और तेज दिमाग:
तीसरे भाव में बुध होने से व्यक्ति की सोच बहुत तेज होती है. वह नई चीजें जल्दी सीख लेता है और तर्क के दम पर किसी भी विषय को समझा सकता है.
3. लेखन और मीडिया में सफलता:
इस भाव में बुध मीडिया, लेखन, पत्रकारिता, विज्ञापन या सोशल प्लेटफॉर्म्स से जुड़ी नौकरियों के लिए बहुत शुभ माना जाता है. ऐसे लोग शब्दों से अपना जादू चला सकते हैं.
4. भाई-बहनों से अच्छा रिश्ता:
तीसरे भाव में बुध होने पर छोटे भाई-बहनों से संबंध सामान्यतः अच्छे रहते हैं. व्यक्ति उनके लिए सलाहकार की तरह होता है और हमेशा मदद करने के लिए तैयार रहता है.
5. यात्राओं से लाभ:
इस स्थिति में व्यक्ति को छोटे-छोटे सफर करने के मौके मिलते हैं और इन यात्राओं से धन या अनुभव का फायदा भी होता है.

बुध तीसरे भाव में होने के नकारात्मक प्रभाव
1. अति-चालाकी या ओवरथिंकिंग:
कभी-कभी ऐसा व्यक्ति हर चीज़ को लेकर ज़्यादा सोचने लगता है. उसकी यह आदत दूसरों को परेशान कर सकती है या रिश्तों में दूरी ला सकती है.
2. भाई-बहनों से मतभेद:
अगर बुध पर शनि, राहु या केतु का प्रभाव हो तो छोटे भाई-बहनों से मनमुटाव या दूरी की स्थिति बन सकती है.
3. बातों में झूठ या दिखावा:
कमजोर बुध वाले लोग अपने मतलब के लिए कभी-कभी झूठ बोलने या दिखावा करने लगते हैं. इससे उनकी छवि को नुकसान हो सकता है.
4. नर्वसनेस या कॉन्फिडेंस की कमी:
जब बुध अशुभ हो जाता है तो व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी आ जाती है. वह सही बात जानते हुए भी दूसरों के सामने बोल नहीं पाता.
कमजोर बुध सोचने-समझने की शक्ति को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति कई बार बिना सोचे-समझे फैसले ले लेता है और बाद में पछताता है.

बुध को मजबूत करने के उपाय
1. बुधवार का व्रत रखें:
बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े पहनें और भगवान विष्णु या गणेश जी की पूजा करें.
2. हरी मूंग और तांबे का दान करें:
गरीबों को हरी मूंग, हरा कपड़ा या तांबे का सिक्का देना शुभ रहता है.
3. पन्ना रत्न पहनें:
अगर ज्योतिष सलाह दे, तो बुध को मजबूत करने के लिए पन्ना (एमराल्ड) रत्न बुधवार के दिन धारण करें.
4. गणेश मंत्र का जाप करें:
रोज़ “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का जाप करने से बुध ग्रह के दोष कम होते हैं.
5. सकारात्मक सोच रखें:
जितना संभव हो, अपने मन को शांत रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें. बुध को खुश करने का सबसे बड़ा उपाय है साफ सोच और सच्ची बात.







