Moon In 7th House: ज्योतिष में चंद्रमा हमारे भावनाओं, मनोवृत्ति और मानसिक स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है. जब यह सातवें भाव में होता है, तो इसका असर सीधे हमारे संबंधों और जीवनसाथी पर पड़ता है. सातवां भाव, जिसे ‘संपर्क भाव’ या ‘वैवाहिक भाव’ भी कहा जाता है, जीवन में साझेदारी, संबंध और सामाजिक तालमेल की दिशा दिखाता है. इस भाव में चंद्रमा होने से व्यक्ति की भावनात्मक समझ, दूसरों की भावनाओं को समझने की क्षमता और संबंधों में संतुलन बनाने की योग्यता प्रभावित होती है. सातवें भाव में चंद्रमा का प्रभाव सिर्फ वैवाहिक जीवन तक सीमित नहीं होता, बल्कि व्यावसायिक साझेदारी और सामाजिक संपर्क पर भी असर डालता है. यह भाव व्यक्ति के मनोभाव और व्यवहार को बाहर की दुनिया के साथ जोड़ता है, अगर चंद्रमा इस भाव में मजबूत और शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति अपने रिश्तों में सहज और संतुलित रहता है, प्रेम और सहयोग की ऊर्जा मिलती है. वहीं, अगर यह कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो संबंधों में उलझन, भावनात्मक अस्थिरता और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है. इस आर्टिकल में हम सातवें भाव में चंद्रमा के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव के साथ कुछ आसान उपाय भी जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से जो जीवन में संतुलन और खुशहाली लाने में मदद कर सकते हैं.
सातवें भाव में चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव
1. संपर्क और समझ में बढ़ोत्तरी
चंद्रमा मजबूत होने पर व्यक्ति अपने जीवनसाथी या साझेदार के मनोभाव को आसानी से समझ पाता है. यह भावनाओं के आदान-प्रदान और आपसी सहयोग को आसान बनाता है.
2. सामाजिक और व्यावसायिक संबंध मजबूत
इस स्थिति में व्यक्ति का व्यवहार लोगों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण और संतुलित होता है. व्यावसायिक साझेदारी और दोस्ती में विश्वास और सहयोग बढ़ता है.
3. भावनात्मक स्थिरता और मानसिक संतुलन
मजबूत चंद्रमा होने पर व्यक्ति तनाव और मानसिक दबाव को आसानी से संभाल लेता है. यह जीवन में खुशी और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.
सातवें भाव में शुभ चंद्रमा वाले लोग अपने प्रेम और वैवाहिक जीवन में आकर्षक और समझदार होते हैं. उनके साथी उनके प्रति भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं.

सातवें भाव में चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव
1. रिश्तों में अस्थिरता और विवाद
कमजोर या अशुभ चंद्रमा व्यक्ति को भावनाओं में अस्थिर बना सकता है. रिश्तों में अक्सर उलझन और गलतफहमी पैदा हो सकती है.
2. साझेदारी और व्यापार में समस्याएं
व्यावसायिक साझेदारी में समझौता न होने और विश्वास की कमी की वजह से नुकसान और तनाव बढ़ सकता है.
3. भावनात्मक दबाव और अवसाद
नकारात्मक स्थिति में व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर जल्दी प्रभावित हो सकता है और मानसिक अस्थिरता के कारण तनाव महसूस करता है.
4. संबंधों में दूरी और अकेलापन
सातवें भाव में अशुभ चंद्रमा वाले लोग अपने साथी या दोस्तों से भावनात्मक रूप से कट सकते हैं, जिससे जीवन में अकेलापन और दूरी बढ़ सकती है.

सातवें भाव में चंद्रमा के उपाय
1. चांदी का उपयोग और पूजा
चंद्रमा के लिए चांदी और उससे जुड़े बर्तन, गहने या पूजा सामग्री का प्रयोग शुभ माना जाता है.
2. सप्ताह में सोमवार का दिन विशेष
सोमवार को चंद्रमा से जुड़े कार्य करें, जैसे पूजा, ध्यान या नदी में पानी अर्पित करना.
3. मौन और ध्यान की आदत
रोज ध्यान और मौन का अभ्यास मानसिक संतुलन और संबंधों में समझ बढ़ाने में मदद करता है.
4. संतुलित आहार और नीला रंग
नीले रंग के कपड़े पहनना और दूध, दही, हल्दी आदि का सेवन चंद्रमा को संतुलित करने में मदद करता है.
5. सकारात्मक सोच और व्यवहार
दूसरों के साथ धैर्य और समझदारी से पेश आने की आदत डालें. यह रिश्तों में सकारात्मक ऊर्जा लाता है.
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