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Jamshedpur’s Famous Idli: घाटशिला में लगने वाली इस दुकान की इडली के लोग दीवाने हैं. वे आधा-आधा घंटे अपनी बारी का इंतजार करते हैं. गिरधारी महतो पिछले 7 साल से यह दुकान लगा रहे हैं और ग्राहकों का प्यार पा रहे हैं.
जमशेदपुर. जमशेदपुर के घाटशिला प्रखंड के फुलडूंगरी इलाके में हर सुबह एक अनोखा नज़ारा देखने को मिलता है. यहां लोग चाय या समोसे की दुकान पर नहीं, बल्कि इडली की दुकान पर अपनी बारी का इंतजार करते दिखते हैं. सुबह के सात बजते ही गिरधारी इडली भंडार की खुशबू पूरे इलाके में फैल जाती है और इसके स्वाद के दीवाने लोग यहां इतनी भीड़ लगाते हैं कि कम से कम आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ता है.
बनने के साथ बिक जाती है इडली
दुकान के संचालक गिरधारी महतो बताते हैं कि उन्होंने यह दुकान करीब सात साल पहले शुरू की थी. शुरुआत में उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनका स्वाद, मेहनत और सफाई लोगों के बीच इतनी मशहूर हो जाएगी. गिरधारी का कहना है कि वे हर इडली को लोगों के सामने बनाते हैं ताकि शुद्धता और ताजगी बनी रहे.
वे बताते हैं कि एक बार में लगभग 100 पीस इडली तैयार होती है, और जैसे ही प्लेट निकलती है, कुछ ग्राहक 15 तो कुछ 20 पीस पैक करा कर अपने साथ ले जाते हैं. नतीजा यह होता है कि इडली कुछ ही मिनटों में खत्म हो जाती है और बाकी लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.
कीमत बेहद कम
सिर्फ ₹5 प्रति पीस की यह इडली नरम और फूली हुई होती है. इसमें किसी तरह की मिलावट नहीं की जाती. गिरधारी महतो बताते हैं कि वे दाल और चावल को खुद पीसकर ही घोल तैयार करते हैं. इसके साथ मिलने वाला सब्जी वाला सांभर, चना दाल की पतली चटनी और पुदीना-धनिया की हरी चटनी इसका स्वाद और बढ़ा देती है. लोग लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं.
बच्चे-बूढ़े, सबकी पसंद
यहां आने वाले लोगों में से राहुल बताते हैं कि चाहे जितनी देर हो जाए, उनके घर में सिर्फ गिरधारी इडली ही पसंद की जाती है, कहीं और से ले जाने पर डांट पड़ती है. वहीं सूरज अग्रवाल कहते हैं कि जो एक बार यहां की इडली खा ले, उसे फिर किसी और जगह की इडली पसंद नहीं आती. स्कूल जाने वाले अंकित बताते हैं कि वे रोज टिफिन में यहीं से नाश्ता लेकर जाते हैं क्योंकि उनके दोस्तों को भी इसका स्वाद बहुत अच्छा लगता है.
गिरधारी महतो की यह मेहनत और ईमानदारी का ही नतीजा है कि घाटशिला की सुबहें अब उनके इडली भंडार के स्वाद के बिना अधूरी लगती हैं. यहां का स्वाद अब सिर्फ नाश्ता नहीं, बल्कि लोगों की रोज की पसंद बन चुका है.

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज़्म में मास्टर्स, गोल्ड मेडलिस्ट. पत्रकारिता का सफर दैनिक जागरण से शुरू हुआ, फिर प्रभात खबर और ABP न्यूज़ से होते हुए Bharat.one Hindi तक पहुंचा. करियर और देश की …और पढ़ें
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