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Yam Vegetable Recipe: रतालू की सब्ज़ी राजस्थान के पारंपरिक व्यंजनों में से एक ऐसी डिश है जो स्वाद और पोषण दोनों देती है. यह सब्जी विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में बनाई जाती है, क्योंकि इस समय रतालू खाने का मजा ही कुछ और होता है. इसे खाने से शरीर को भी गर्मी मिलती है. इसे राजस्थानी तरीके से बनाने पर इसका स्वाद भी बहुत लाजवाब लगता है.

रतालू की सब्जी राजस्थान के पारंपरिक व्यंजनों में से एक ऐसी डिश है जो स्वाद और पोषण दोनों देती है. यह सब्जी विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में बनाई जाती है, क्योंकि इस समय रतालू खाने का मजा ही कुछ और होता है. इसे खाने से शरीर को भी गर्मी मिलती है. इसे राजस्थानी तरीके से बनाने पर इसका स्वाद भी बहुत लाजवाब लगता है. रतालू की सब्ज़ी अक्सर त्योहारों या खास अवसरों पर परोसी जाती है. इसे घी या सरसों के तेल में पकाने से इसका स्वाद और भी निखर जाता है.

ग्रामीण इलाकों में इसे मोटी बाजरे या गेहूं की रोटियों के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका देसी स्वाद खाने में अच्छा लगता है. गृहिणी शारदा देवी ने बताया कि रतालू की सब्ज़ी में अदरक, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च का मेल स्वाद को ऐसा रूप देता है, जो लंबे समय तक याद रहता है. इस सब्जी में टमाटर और नींबू के रस की हल्की खटास इसे संतुलित बनाती है, जो राजस्थानी भोजन की खास पहचान है. राजस्थान के कई घरों में यह सब्जी सर्दियों के खाने का विशेष हिस्सा होती है. कुछ लोग इसमें दही या हींग-जीरे का तड़का भी लगाते हैं ताकि इसका स्वाद और बढ़े.

गांवों में इसे खुले चूल्हे पर मिट्टी की कढ़ाई में पकाया जाता है, जिससे इसका देसी स्वाद कई गुना गहरा और सुगंधित हो जाता है. रतालू का पौष्टिक महत्व भी कम नहीं है. यह ऊर्जा से भरपूर होता है और शरीर को ठंड से बचाने में मदद करता है. राजस्थानी खानपान में रतालू को शीतकालीन शक्ति आहार के रूप में माना जाता है. इसलिए इसे सर्दियों में ज्यादा बनाया जाता है. इस सब्जी के साथ छाछ या रायता खाने से इसका स्वाद और भी अधिक बढ़ जाता है. राजस्थानी घरों में कई बार इसमें थोड़ी सी मेथी दाना, हींग या कड़ी पत्ता भी डाल दिया जाता है.

यह सब्जी सूखी भी स्वादिष्ट लगती है और हल्की ग्रेवी के साथ भी. इसे बिन रोटी सिर्फ आचार या दही के साथ भी मजे से खाया जा सकता है. इस सब्जी में स्थानीय स्वाद, मौसम और संस्कृति की झलक मिलती है. यह खाद सब्जी राजस्थानी पारंपरिक रेसिपी के कारण देसी स्वाद और पौष्टिकता का बेजोड़ मेल है. सर्दी के समय यह सब्जी शरीर को भी गर्म रखती है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्ग इस सब्जी को जरूर खाते हैं.

गृहिणी शारदा देवी ने बताया कि रतालू की सब्ज़ी बनाने के लिए रतालू 1/2 किलो छोटे टुकड़ों में कटे हुए, तेल 1 बड़ा चम्मच, जीरा 1/2 छोटा चम्मच, हल्दी पाउडर- 1/2 छोटा चम्मच, अदरक- 2 इंच टुकड़ा, टमाटर- 4, लाल मिर्च पाउडर- 3/4 छोटा चम्मच, भुना जीरा पाउडर- 1/2 छोटा चम्मच, काला नमक- 1/4 छोटा चम्मच, नमक, नींबू का रस 2 छोटे चम्मच को आवश्यकता होती है.

रतालू की सब्ज़ी बनाने के लिए सबसे पहले अदरक और टमाटर का पेस्ट बना लें. फिर गर्म तेल में जीरा तड़काएं. इसके बाद रतालू और हल्दी पाउडर मिलाकर 5 मिनट पकाएं. जब रतालू आधा पक जाए तब टमाटर-अदरक का पेस्ट, लाल मिर्च पाउडर, भुना जीरा पाउडर, काला-सफ़ेद नमक मिलाएं व ढककर पकाएं. इसके बाद 5 से 7 मिनट में रतालू अच्छी तरह पक जाएंगे. लास्ट में गैस बंद करके नींबू का रस मिलाएं और गर्मागर्म रोटी के साथ परोसें. यह सब्जी इतनी स्वादिष्ट है कि बिना रोटी के भी मजा आएगा.
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