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Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने कहा कि लोग अक्सर कैकयी को गलत समझ लेते हैं, जबकि उन्होंने जो किया वह श्रीराम के जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए था. महाराजजी के अनुसार, रामजी और कैकयी के बीच का संबंध त्याग, कर्तव्य और करुणा का प्रतीक है. आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज ने माता कैकेयी के किस सत्य के बारे में बताया है.
Premanand Maharaj Ram Ji or Mata Kaikeyi: वृंदावन के मशहूर आध्यात्मिक गुरु श्री प्रेमानंद महाराज अपनी सादगी और भक्ति के लिए जाने जाते हैं. वे अपने प्रवचनों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं. धार्मिक जगत में संत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो इन दिनों खूब चर्चा में है. वीडियो में श्री प्रेमानंद महाराज ने अपने एक प्रवचन में माता कैकेयी के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने माता कैकेयी के ऐसे सत्य के बारे में बताया है, जो शायद आज तक कोई नहीं जानता. महाराजजी ने भगवान राम और माता कैकेयी के बीच हुए संवाद के बारे में भी बताया. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि लोग अक्सर कैकयी को गलत समझ लेते हैं, जबकि उन्होंने जो किया वह श्रीराम के जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए था. आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज ने माता कैकैयी के कौन से सत्य के बारे में बताया है.
प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि कैकेयी मां को कभी भी दोष मत देना क्योंकि अयोध्या में ऐसा कोई प्रेमी नहीं था, जैसी मां कैकेयी प्रेमी थीं, क्योंकि रघुनाथजी का वियोग, भरतजी का वियोग, महाराज दशरथ का वियोग, पूरी अयोध्या वासियों की निंदा का पात्र बनकर रामजी की इच्छा की पूर्ति की. ये माता कैकेयी है, दूसरे किसी व्यक्ति में इतना सामर्थ्य नहीं है. माता कैकेयी रामजी को जितना प्यार करती थीं. शायद है… उतना कोई अवध में प्यार करता हो.
महाराजजी ने आगे कहा कि भगवान श्रीराम एकांत में माता कैकेयी से कहा, मां… मैंने पूरी अवध में देखा है कि आपसे ज्यादा मुझे कोई प्यार नहीं करता. और ये सामर्थ्य केवल प्यार करने वाले में ही होती है. तो आप मेरे लिए निंदा सहेंगी… मेरे लिए आप अपमान सहेंगी.. मेरे लिए पुत्र वियोग… मेरे लिए पति वियोग, केवल आप ही सह सकती हैं. इतना त्याग आप कर सकती हैं. भगवान राम ने आगे कहा कि मुझे पता है आप हृदय से बहुत बहादुर हैं. माता कैकेयी इतनी बहादुर थीं कि वे देवासुर संग्राम में माता साथ गई थीं चक्रवर्ती महाराज दशरथ के. महाराजी ने कहा कि भगवान रामजी ने माता कैकेयी से इसलिए यहा कहा कि मां कैकयी का हृदय वीर रस से भरा हुआ है. आप सह सकती हो मां. भगवान राम ने कहा कि बस एक मेरी इच्छा है. माता कैकेयी ने कहा कि बोलो राम, मैं अभी तुम्हारे लिए अपने प्राण त्याग कर सकती हूं. तुम्हारे लिए सबकुछ त्याग कर सकती हूं.
भगवान राम ने कहा , हे मां, आपको बस… जिस लिए मेरा अवतार हुआ है, मैं संतों के सुख के लिए अवतरित हुआ हूं. मैं अवध का राजा अभी नहीं बनना चाहता. अभी आपको मुझे 14 वर्षों के लिए वनवास भेजना होगा. महाराजजी ने कहा कि ये ध्यान रखना कि मां कैकेयी ने एकांतिक भगवान की आज्ञा का पालन किया है. मां कैकेयी का हृदय रघुनाथजी के लिए प्रेम में डूबा, ये कोई नहीं जानता. सर्वश्रेष्ठ प्रेम मां कैकेयी का, जिन्होंने अपना अपमान सहा… निंदा सहा… लेकिन रामजी की इच्छा की पूर्ति की. महाराजी ने कहा कि ये अंदर की बात कह रहा हूं, ये भगवान राम और माता कैकेयी के बीच हुए संवाद के बारे में बताया है.
महाराजजी ने आगे कहा कि भरतजी ने मां कैकेयी को रामजी के वनवास के बाद से कभी मां नहीं कहा. जब रामजी वनवास से वापस अयोध्या लौटकर आए तब भगवान राम और मां कैकेयी के बीच हुए संवाद में मां कैकेयी रामजी से कहा कि, बेटा मैंने तुम्हारी पूरी बात मानी थी. लेकिन एक बात मैं नहीं सह सकती. अपने पति का वियोग सह लिया लेकिन भरत ने आज तक मुझे मां नहीं कहा. बेटा अब बस मेरी एक इच्छा है कि भरत से मां कहलवा दो. तो रामजी जा रहे थे… भरतजी को सुचना मिली कि रामजी कहलाने के लिए आ रहे हैं. तब उनकी जो दशा हुई… वो देखकर भगवान वापस हो गए. मां कैकेयी ने रामजी की इच्छा का पालन करते हुए इतना कष्ट सहा है कि कह नहीं सकते इसलिए कभी मां कैकेयी को दोष मत देना.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें







