Vastu For Office Setup : आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि उसका ऑफिस कामयाबी, शांति और तरक्की से भरा रहे. बहुत से लोग मेहनत तो करते हैं, पर फिर भी मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता. इसका एक बड़ा कारण होता है – ऑफिस का गलत वास्तु संतुलन. अगर ऑफिस की दिशा, बैठने की जगह या ऊर्जा का प्रवाह सही न हो तो मेहनत का असर आधा रह जाता है. कई बार देखा गया है कि जहां मालिक को बैठना चाहिए, वहां कर्मचारी बैठा होता है या फिर मुख्य व्यक्ति ऐसी जगह बैठता है जो अस्थिरता और भ्रम बढ़ाती है. ऐसे में व्यक्ति को निर्णय लेने में दिक्कत आती है, कर्मचारी सहयोग नहीं करते और व्यापार में उतार-चढ़ाव बढ़ जाता है. वास्तु सिर्फ दीवारों या दिशाओं का विज्ञान नहीं, बल्कि यह ऊर्जा के सही प्रवाह को समझने की कला है. अगर इसका पालन संतुलित रूप में किया जाए तो एक छोटा सा ऑफिस भी बड़ी सफलता का केंद्र बन सकता है. आइए जानते हैं अगर आपका ऑफिस 10×10 फीट का है, और आप North-West (वायव्य) में बैठते हैं जबकि कर्मचारी South-West (नैऋत्य) में बैठता है, तो इसका क्या असर होता है और इसे कैसे सुधारा जा सकता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
1. आपकी दिशा – North-West (वायव्य)
वायव्य दिशा वायु तत्व से जुड़ी होती है. इसका अर्थ है गति, बदलाव और अस्थिरता.
इस दिशा में अगर ऑफिस का मालिक या मुख्य व्यक्ति बैठता है, तो मन में स्थिरता कम रहती है.
निर्णय लेने में समय लगता है, सोच बार-बार बदलती है और कार्य के बीच रुकावटें आने लगती हैं.
कभी-कभी कर्मचारी आपकी बात को गंभीरता से नहीं लेते, जिससे टीम का तालमेल बिगड़ जाता है.
व्यापार में अचानक बदलाव या नुकसान की स्थिति भी बन सकती है.
वास्तु सुझाव:
अगर संभव हो तो अपनी कुर्सी South-West (नैऋत्य) या West (पश्चिम) दिशा में रखें.
आपका मुख East (पूर्व) या North (उत्तर) की ओर होना चाहिए.
यह स्थिति आपको निर्णय लेने में मजबूती और कार्य में स्थिरता देगी.
2. कर्मचारी की दिशा – South-West (नैऋत्य)
नैऋत्य दिशा धरती तत्व से जुड़ी होती है और इसे सबसे मजबूत दिशा माना गया है.
यह दिशा नियंत्रण, अधिकार और स्थिरता का प्रतीक है.
अगर कर्मचारी इस जगह बैठा हो, तो वह अनजाने में ही ज्यादा प्रभावशाली हो सकता है.
ऐसे में वह मालिक की बात को नजरअंदाज करने लगे या आदेशों में देरी करे, तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी.
यह स्थिति मालिक के लिए नुकसानदायक मानी जाती है, क्योंकि नियंत्रण धीरे-धीरे कर्मचारी के हाथ में चला जाता है.

वास्तु उपाय:
कर्मचारी को South (दक्षिण) या West (पश्चिम) दिशा में बैठाएं.
उसका मुख East (पूर्व) या North (उत्तर) की ओर होना चाहिए.
नैऋत्य दिशा को हमेशा मालिक के लिए सुरक्षित रखें, यही ऑफिस की स्थिरता का आधार है.
3. आसान उपाय (अगर जगह बदलना संभव न हो)
अगर फिलहाल बैठने की जगह बदलना मुश्किल है, तो इन सरल उपायों से संतुलन बनाया जा सकता है:
अपनी कुर्सी के पीछे, यानी North-West दीवार पर हल्का पीला पर्दा या पेंटिंग लगाएं. यह ऊर्जा को स्थिर बनाएगा.
अपनी टेबल पर पिरामिड, क्रिस्टल बॉल या तांबे का कलश रखें. इससे दिशा दोष कम होगा.
कर्मचारी की टेबल के पीछे, यानी South-West दीवार पर भारी अलमारी या तिजोरी रखें.
इससे वहां की भारी ऊर्जा संतुलित होगी और नियंत्रण आपकी तरफ रहेगा.
4. सही ऑफिस सेटअप (संक्षेप में)
भूमिका स्थान मुख दिशा परिणाम
मालिक South-West या West East या North स्थिरता, सम्मान और नियंत्रण
कर्मचारी South या West East या North अनुशासन, मेहनत और कार्यकुशलता
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/astro/astro-tips-vastu-for-office-setup-and-employee-seating-south-west-direction-for-business-stability-9843975.html







