शुभम मरमट / उज्जैन. हिंदू धर्म में विवाह को केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है. किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत में सबसे पहले देवताओं को निमंत्रण देने की परंपरा है. विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे यादगार लम्हा होता है, और हर किसी की चाहत होती है कि उसका यह संस्कार निर्विघ्न संपन्न हो जाए. लेकिन, कई बार अनजाने में हम कुछ ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिससे विवाह में विघ्न या बाधाएँ पैदा होने लगती हैं.
उज्जैन के प्रसिद्ध आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, ये विघ्न अक्सर हमारे विवाह निमंत्रण पत्र (Wedding Card) से ही शुरू हो जाते हैं. अगर आपके परिवार में भी किसी की शादी होने वाली है, तो विवाह को निर्विघ्न संपन्न करवाने के लिए आपको कुछ खास वास्तु और धार्मिक नियम जान लेना बेहद जरूरी है.
भूल से भी कार्ड पर ना छपवाए ये दो चीजें
आचार्य भारद्वाज ने दो ऐसी चीजें बताई हैं, जिन्हें वेडिंग कार्ड पर छपवाना वास्तु शास्त्र में अशुभ माना गया है:
दूल्हा-दुल्हन की तस्वीर:
आजकल नई और यूनिक डिजाइन के चक्कर में लोग कार्ड पर दूल्हा-दुल्हन की तस्वीर लगवाने लगे हैं. आचार्य के अनुसार, यह वास्तु में अशुभ है क्योंकि इससे नजर दोष का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही, ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में अनजाने तनाव या बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं.
भगवान गणेश की तस्वीर:
कई लोग सोचते हैं कि कार्ड पर भगवान गणेश की तस्वीर छपवाने से विवाह में कोई विघ्न नहीं आएगा. हालांकि, आचार्य कहते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करना उचित नहीं है. इसका कारण यह है कि शादी के बाद अधिकतर कार्ड या तो फेंक दिए जाते हैं या किसी पेड़ के नीचे रख दिए जाते हैं. इस तरह भगवान गणेश की तस्वीर का अपमान होता है. इसके बजाय, आप कार्ड के भीतर या ऊपर ‘श्री गणेशाय नमः’ या ‘शुभ मंगलम’ जैसे शुभ वाक्य लिख सकते हैं, जो समान रूप से शुभ माने जाते हैं.
कार्ड का सही रंग और शुभ मंत्र
वास्तु के अनुसार, शादी का कार्ड चुनते समय रंग पर खास ध्यान देना चाहिए. कार्ड के लिए लाल, पीला, केसरी, या सफेद इनमें से कोई भी एक रंग चुना जा सकता है. ये रंग रिश्तों में मिठास घोलते हैं.
शुभ मंत्र: कार्ड पर गणेश मंत्र लिखवाना ना भूलें. आप ‘मंगलम्ं भगवान विष्णु मंगलमं गरुण ध्वजा मंगलम्ं पुंडरीकाक्षी’ आदि शुभ मंत्र लिखवाएं.
ज़रूरी जानकारी: शादी के कार्ड में मुख्य रूप से गणेश-माता पूजन, हल्दी, मेहंदी, मंडप, फेरे और प्रतिभोज या रिसेप्शन की सही तिथि और समय अवश्य होना चाहिए. वर-वधु और उनके माता-पिता के नाम भी अवश्य ही हों.
बचे हुए कार्ड का सही इस्तेमाल
कई बार शादी के कार्ड जरूरत से अधिक छप जाते हैं. ऐसे में कुछ लोग इसे फेंक देते हैं या बक्से में डालकर रख देते हैं. आचार्य के अनुसार, कूड़े में कार्ड फेंकना गणेश जी का अपमान हो सकता है.
क्या करें: आप बचे हुए शादी के कार्ड में से कुछ को संभाल कर रख दें. कभी पासपोर्ट या किसी कानूनी जरूरत के लिए इसकी जरूरत पड़ सकती है.
विसर्जन: बाकी के बचे कार्ड को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर सकते हैं. यह उन्हें सम्मानजनक विदाई देने का सही तरीका है.







