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Gadisar Lake History & Tourism: 14वीं सदी में निर्मित गड़ीसर झील अपनी ऐतिहासिक सुंदरता, शांत जल, राजस्थानी वास्तुकला और सांस्कृतिक माहौल के कारण दुनिया भर के पर्यटकों की पसंदीदा जगह है. झील का तिलोण्य गेट, बोटिंग और सूर्योदय-सूर्यास्त के मनमोहक दृश्य इसे जैसलमेर की पहचान बनाते हैं.

जैसलमेर की गडीसर झील एक ऐसा नगीना जिसने न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरी दुनिया की नज़रें अपनी ओर खींची हैं. 14वीं सदी में जैसलमेर के महारावल गड़सी सिंह द्वारा निर्मित यह झील आज अपनी शांत सुंदरता, ऐतिहासिक महत्त्व और फिल्मी पहचान के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है. विदेशी पर्यटक इसे ‘डेजर्ट की वेनिस’ कहते हैं और यहाँ के सूरज डूबते नज़ारे इंद्रधनुषी सपनों जैसा एहसास कराते हैं, जो इसे जैसलमेर आने वाले पर्यटकों के लिए एक ज़रूरी आकर्षण बनाते हैं.

आज के समय में इस झील को राजस्थान के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है. इस झील को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक ठंड के मौसम में हज़ारों की संख्या में आते हैं. खासकर नवंबर से फरवरी के बीच यह झील पर्यटकों से गुलज़ार रहती है. इसके आस-पास के इलाके की हरियाली लोगों के मन को खूब भाती है और यह शांत नख़लिस्तान (Oasis) रेगिस्तानी शहर जैसलमेर में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिससे यह पर्यटन का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गया है.

झील के चारों ओर बने सुंदर छतरियाँ, तोरण द्वार, मंदिर और घाट राजस्थानी वास्तुकला की भव्यता को दर्शाते हैं. इन सभी संरचनाओं में, खासकर झील पर बना ‘सरस्वती पोल’ (तोरण द्वार) पर्यटकों के लिए एक इंस्टा-फेवरेट स्पॉट है. यह नक्काशीदार द्वार झील के शांत पानी में प्रतिबिंबित होता है, जो इसे एक अद्वितीय और शानदार फोटोग्राफी पॉइंट बनाता है. ये ऐतिहासिक संरचनाएँ झील के सौंदर्य के साथ मिलकर उसे एक सांस्कृतिक और कलात्मक पहचान देती हैं.

सुबह और शाम के समय इस झील के पानी पर पड़ती सूरज की किरणें ऐसा दृश्य प्रस्तुत करती हैं कि देखने वाला मंत्रमुग्ध हो जाता है. खासकर सूर्यास्त के समय, पानी पर लाल-नारंगी रंगों का प्रतिबिम्ब अद्भुत लगता है. यहाँ का शांत वातावरण मन को सुकून देता है और पर्यटकों को रेगिस्तान के बीच एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है, जो उन्हें शहरी भाग-दौड़ से दूर प्रकृति के करीब ले जाता है.

झील में बोटिंग करते समय प्राचीन वास्तुकला और प्राकृतिक माहौल का संगम आपको एक अलग ही अनुभव देता है. यह रोमांटिक और शांतिपूर्ण यात्रा पर्यटकों के दिल में बस जाती है. खासकर सर्दियों में यहाँ देशी और विदेशी पर्यटक बोटिंग का लुत्फ़ उठाते हैं. शांत पानी पर नाव चलाते हुए, चारों ओर बने भव्य तोरण द्वारों और छतरियों को देखने का अनुभव, रेगिस्तानी शहर जैसलमेर की इस झील को एक अद्वितीय आकर्षण बनाता है.

14वीं सदी में जैसलमेर के महारावल गड़सी सिंह द्वारा निर्मित यह झील आज अपनी शांत सुंदरता, ऐतिहासिक महत्त्व और फिल्मी पहचान के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है. विदेशी पर्यटक इसे ‘डेजर्ट की वेनिस’ कहते हैं और यहाँ के सूरज डूबते नज़ारे इंद्रधनुषी सपनों जैसा एहसास कराते हैं. ऐतिहासिक रूप से यह झील जैसलमेर शहर के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत रही है, जिसने रेगिस्तानी परिस्थितियों में जीवन को संभव बनाया.

गडीसर झील पर आपको प्राचीन मंदिर, राजस्थानी लोक संस्कृति और शांत जल के बीच जल पक्षियों की उड़ान सब एक साथ देखने को मिलती है. यह स्थान प्रकृति, इतिहास और कला का अद्भुत संगम है. इतना ही नहीं, यहाँ अक्टूबर से मार्च तक विदेशी पर्यटकों का खूब जमावड़ा रहता है, जब मौसम सुहावना होता है. इस दौरान यहाँ की शांत सुंदरता और प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति पर्यटकों के अनुभव को और भी खास बना देती है.
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