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Maduwa Farming Tips : इसे रागी या नाचनी भी कहा जाता है. पहाड़ों में उगने वाला अत्यंत पौष्टिक अनाज है. यह कम पानी में भी आसानी से पनपता है और कैल्शियम, आयरन व फाइबर से भरपूर होता है. इसकी रोटियां पहाड़ी थाली की पहचान हैं. इन दिनों ये सुपरफूड बनकर शहरों में भी सेहत दुरुस्त रखने का प्रिय विकल्प बन चुका है.

मडुवा को कई जगह रागी या नाचणी भी कहा जाता है. ये पहाड़ी इलाकों में सदियों में उगाया जाने वाला एक सशक्त अनाज है. उत्तराखंड के गांवों से लेकर दक्षिण भारत के खेतों तक यह अनाज हर उस जगह उगता है, जहां मिट्टी कठोर होती है और मौसम मुश्किल.

मडुवा उन चुनिंदा फसलों में से है जो कम पानी, कम उपजाऊ जमीन और कड़ाके की ठंड में भी आसानी से बढ़ जाती है. यही कारण है कि यह पहाड़ी किसानों का भरोसेमंद साथी बन चुका है. जहां धान और गेहूं जैसे अनाज संघर्ष करते हैं, वहां मडुवा मजबूती से लहलहाता है. पहाड़ों में इसे बोना मानों प्रकृति की धुन पर खेती करने जैसा है—न ज्यादा पानी, न ज्यादा खर्च, बस मेहनत और सही समय.

अगर किसी पहाड़ी घर में आप शाम को जाएं, तो रसोई में तवे की हल्की-हल्की धुआंती सुगंध के साथ मडुवे की रोटियों की महक जरूर मिलेगी. घी लगाकर खाई गई मडुवे की मोटी रोटी, साथ में भांग की चटनी, आलू की पिनालू और गर्म-गर्म झोल—यह सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि पहाड़ का आत्मीय स्पर्श है.
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मडुवा कैल्शियम से भरपूर है, जो हड्डियों को मजबूत करता है. इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा है, जो पाचन को बेहतर करती है और पेट लंबे समय तक भरा रहता है. डायबिटीज के मरीज भी इसे निश्चिंत होकर खा सकते हैं. इससे मिलने वाले आयरन और मिनरल्स खून की कमी को दूर करने में मददगार साबित होते हैं.

पहले मडुवा “गरीबों का भोजन” कहा जाता था, लेकिन बदलते दौर में यह “सुपरफूड” बन चुका है. देहरादून, नैनीताल, बेंगलुरु, पुरी—हर जगह के कैफ़े में अब मडुवा कुकीज़, मडुवा पराठा, रागी माल्ट, मडुवा पास्ता, रागी केक जैसे आधुनिक व्यंजन पेश किए जा रहे हैं.
वह अनाज, जो कभी पहाड़ी परिवारों की मजबूरी था, आज स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में शहरों में सराहा जा रहा है.

मडुवा उगाना आसान, टिकाऊ और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है. कम पानी में उग जाता है, रासायनिक खाद की आवश्यकता कम, खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखता है और बाज़ार में अच्छी क़ीमत मिलती है. इसलिए यह छोटे किसानों के लिए आदर्श फसल बन चुका है. पहाड़ों में जहां खेती पहले कठिन मानी जाती थी, अब मडुवा किसानों को नया भरोसा दे रहा है.

पहाड़ों का यह छोटा-सा अनाज दुनिया को स्वास्थ्य, पोषण और प्राकृतिक जीवन का रास्ता दिखा रहा है. आज जब फास्ट फूड हमारी थाली पर कब्जा जमा चुका है, मडुवा हमें प्रकृति की ओर लौटने की याद दिलाता है, लेकिन स्वाद और सेहत के साथ.
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https://hindi.news18.com/photogallery/agriculture/pahadi-maduwa-ke-fayde-black-colored-grain-beneficial-for-body-local18-9863906.html







