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नवंबर 2025 की विनायक चतुर्थी मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी. इस चतुर्थी पर रवि योग है, लेकिन भद्रा भी रहेगी. नवंबर विनायक चतुर्थी पर आपको पूजा के लिए 2 घंटे से अधिक का मुहूर्त मिलेगा. आइए जानते हैं कि नवंबर विनायक चतुर्थी कब है? विनायक चतुर्थी का मुहूर्त, रवि योग और भद्रा समय क्या है?
नवंबर विनायक चतुर्थी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को है. इस दिन रवि योग बन रहा है, लेकिन भद्रा का साया भी रहेगा. विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करने का विधान है. रात के समय में चंद्रमा का दर्शन नहीं करते हैं. इससे कलंक लगता है. विनायक चतुर्थी व्रत और पूजा से संकट दूर होंगे, गणेश जी के आशीर्वाद से आपके कार्य सफल सिद्ध होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी. आइए जानते हैं कि नवंबर विनायक चतुर्थी कब है? विनायक चतुर्थी का मुहूर्त, रवि योग और भद्रा समय क्या है?
नवंबर विनायक चतुर्थी तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 23 नवंबर को शाम 7 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि का समापन 24 नवंबर को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगा. व्रत के लिए उदयातिथि की मान्यता है, ऐसे में नवंबर विनायक चतुर्थी 24 नवंबर सोमवार को है. इसे कृच्छ चतुर्थी कहते हैं.
नवंबर विनायक चतुर्थी मुहूर्त
24 नवंबर को विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 4 मिनट से दोपहर में 1 बजकर 11 मिनट तक है. इस दिन आपको पूजा के लिए 2 घंटे से अधिक का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा.
पूजा से पहले शुभ-उत्तम मुहूर्त 09:29 ए एम से 10:49 ए एम तक है, वहीं ब्रह्म मुहूर्त 05:03 ए एम से 05:57 ए एम तक है. दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:47 ए एम से दोपहर 12:29 पी एम तक है. चतुर्थी का निशिता मुहूर्त रात 11:41 पी एम से देर रात 12:35 ए एम तक है.
रवि योग में नवंबर विनायक चतुर्थी
इस नवंबर की विनायक चतुर्थी पर रवि योग बन रहा है. रवि योग सुबह में 06 बजकर 51 मिनअ से बनेगा, जो रात में 09 बजकर 53 मिनट तक रहेगा. रवि योग में सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं. उस दिन रवि योग के अलावा शूल योग बनेगा, जो प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगी, उसके बाद से गण्ड योग बन जाएगा. चतुर्थी पर प्रात:काल में पूर्वाषाढा नक्षत्र है, जो रात 9 बजकर 53 मिनट तक है, उसके बाद से उत्तराषाढा नक्षत्र है.
विनायक चतुर्थी पर लगेगी भद्रा
इस बार की विनायक चतुर्थी के दिन भद्रा का साया रहेगा. यह भद्रा सुबह में 08 बजकर 25 मिनट से लगेगी, जो रात में 09 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इस भद्रा का वास पाताल लोक में है.
विनायक चतुर्थी का चंद्रोदय
विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करते हैं. विनायक चतुर्थी पर चंद्रोदय सुबह में 10 बजकर 19 मिनट पर होगा और चंद्रास्त रात में 08 बजकर 34 मिनट पर होगा. इस दिन चांद न देखें, नहीं तो आपको झूठा कलंक लगेगा.
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें







