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आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के अनुसार बैठकर पानी पीना पाचन, किडनी, जोड़ों और तनाव के लिए लाभकारी है, जबकि खड़े होकर पानी पीना स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ा सकता है.
आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही इस बात पर सहमत हैं कि बैठकर पानी पीना सेहत के लिए बेहतर है, जबकि खड़े होकर पानी पीना कई समस्याओं को जन्म दे सकता है. यहां कारण विस्तार से दिए गए हैं.
बैठकर पानी पीने के फायदे
- पाचन तंत्र को लाभ
बैठकर पानी पीने से पानी धीरे-धीरे गले से पेट तक जाता है, जिससे पाचन प्रक्रिया को समय मिलता है और एसिडिटी या गैस की समस्या कम होती है. - किडनी पर कम दबाव
धीरे-धीरे पानी पीने से किडनी को फिल्टर करने का पर्याप्त समय मिलता है, जिससे शरीर का डिटॉक्स बेहतर होता है. - जोड़ों और हड्डियों के लिए फायदेमंद
बैठकर पानी पीने से शरीर का वॉटर बैलेंस सही रहता है, जिससे घुटनों और जोड़ों पर दबाव नहीं पड़ता. - तनाव कम होता है
बैठने की मुद्रा शरीर को रिलैक्स करती है, जिससे नर्वस सिस्टम शांत रहता है और पानी का अवशोषण बेहतर होता है.
खड़े होकर पानी पीने के नुकसान
- पाचन पर नकारात्मक असर
खड़े होकर पानी पीने से पानी तेजी से पेट में जाता है, जिससे एसिडिटी, गैस और अपच की समस्या हो सकती है. - किडनी और मूत्राशय पर दबाव
पानी तेजी से ब्लैडर तक पहुंचता है, जिससे किडनी को फिल्टर करने का समय नहीं मिलता और लंबे समय में नुकसान हो सकता है. - जोड़ों में दर्द और गठिया का खतरा
आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होकर पानी पीना वात दोष बढ़ाता है, जिससे जोड़ों में दर्द और आर्थराइटिस की संभावना रहती है. - दिल और नसों पर असर
तेजी से पानी पीने पर नसों में दबाव बढ़ता है, जिससे दिल की धड़कन अस्थायी रूप से तेज हो सकती है.
पानी पीने का सही तरीका
- हमेशा बैठकर, छोटे-छोटे घूंट में पानी पिएं.
- बहुत ठंडा पानी न पिएं; सामान्य या गुनगुना पानी बेहतर है.
- भोजन के तुरंत बाद पानी न पिएं; कम से कम 30 मिनट बाद पिएं.
- दिनभर में 8–10 गिलास पानी धीरे-धीरे पिएं.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-benefits-of-sitting-and-drinking-water-revealed-by-ayurveda-and-medical-science-ws-ln-9866514.html







