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Men and Osteoporosis: ऑस्टियोपोरोसिस को लंबे समय तक महिलाओं की बीमारी माना जाता रहा, क्योंकि मेनोपॉज के बाद इस डिजीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. हालांकि जितना खतरा महिलाओं को बढ़ता है, उतना ही खतरा पुरुषों के लिए भी पैदा हो सकता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो 50 साल से ज्यादा उम्र के करीब 20% पुरुषों को ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा होता है. बढ़ती उम्र, स्मोकिंग, शराब, विटामिन D और फिजिकल एक्टिविटी की कमी पुरुषों की हड्डियों को कमजोर कर रही है.
Weakening Men’s Bones Faster: अक्सर माना जाता है कि पुरुषों की हड्डियां काफी मजबूत होती हैं, जबकि महिलाओं की बोन्स कमजोर होती हैं. यह भी कहा जाता है कि हड्डियों की बीमारियों का खतरा फीमेल्स को ज्यादा होता है. खासतौर से मेनोपॉज के बाद महिलाओं को हड्डियों का विशेष खयाल रखने की सलाह दी जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो पुरुषों की हड्डियां भी ज्यादा मजबूत नहीं होती हैं. लंबे समय से लोगों के दिमाग में पुरुषों की सुपरमैन वाली छवि सिर्फ गलतफहमी है. पुरुषों को भी हड्डियों से जुड़ी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा काफी होता है. 50 साल से ज्यादा उम्र के 20% पुरुषों को हड्डियों की इस गंभीर बीमारी का खतरा है. हालांकि अधिकांश पुरुषों को इस बारे में तब तक पता नहीं चलता, जब तक कोई गंभीर फ्रैक्चर न हो जाए. यह मिथक कि पुरुषों की हड्डियां मजबूत रहती हैं, अब तेजी से टूट रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं मेनोपॉज के बाद अपनी हड्डियों पर ज्यादा ध्यान देती हैं, जबकि पुरुष अक्सर हड्डियों में कमजोरी के शुरुआती संकेत जैसे- पीठ दर्द, कद कम होना या हल्की चोट में हड्डी टूटने को बढ़ती उम्र का हिस्सा मानकर नजरअंदाज कर देते हैं. इसकी वजह से जब तक वे डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, तब तक उनकी बोन डेंसिटी काफी कम हो चुकी होती है. एक्सपर्ट्स की मानें तो हर 5 में से 1 पुरुष को 50 की उम्र के बाद ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा है. पुरुषों में हड्डियों के कमजोर होने की सबसे बड़ी वजह खराब लाइफस्टाइल, स्मोकिंग, अत्यधिक शराब का सेवन और लंबे समय तक बैठे रहने वाली आदत है. बढ़ती उम्र, असंतुलित खान-पान और विटामिन D की कमी भी हड्डियों को कमजोर कर रही है.
ऑर्थोपेडिक्स बताते हैं कि जिन पुरुषों के रूटीन में सूरज की रोशनी, कैल्शियम और नियमित एक्सरसाइज की कमी होती है, वे समय से पहले हड्डियों की कमजोरी का सामना करते हैं. अब 60 वर्ष से ऊपर के पुरुषों में कूल्हे, रीढ़ और कलाई में फ्रैक्चर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस के बड़े संकेत हैं. यह समझना बेहद जरूरी है कि ऑस्टियोपोरोसिस किसी भी जेंडर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक साइलेंट बीमारी है, जो चुपचाप हड्डियों को खोखला करती है और अचानक फ्रैक्चर का कारण बनती है. पुरुषों को यह धारणा छोड़नी होगी कि वे सुपरमैन हैं और उनकी हड्डियां कभी कमजोर नहीं होती हैं. सही जानकारी, समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पुरुष भी हड्डियों को सुरक्षित रख सकते हैं.
डॉक्टर सलाह देते हैं कि पुरुष समय-समय पर बोन डेंसिटी टेस्ट DEXA Scan जरूर कराएं. खासतौर से 50 साल की उम्र के बाद हड्डियों का खयाल रखना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, स्मोकिंग छोड़ना और शराब सीमित करना भी बेहद जरूरी है. विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि पुरुषों में हार्मोनल बदलाव जैसे टेस्टोस्टेरोन की कमी भी हड्डियों को कमजोर कर सकती है, इसलिए समय पर जांच और डॉक्टर की सलाह लेना फायदेमंद होता है.

अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें
अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-men-bones-are-more-fragile-than-you-think-20-percent-men-over-50-faces-hidden-osteoporosis-risk-9870588.html







