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Margashirsha Amavasya 2025 do these 5 things to please your angry ancestors | Margashirsha Amavasya ke upay | मार्गशीर्ष अमावस्या के उपाय | मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को खुश करने के उपाय


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Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या आज 20 नवंबर को है. आज दो शुभ योग बने हैं. मार्गशीर्ष अमावस्या पर आप अपने पितरों के कष्टों से मुक्ति के उपाय कर सकते हैं. पितर जब नराज होते हैं तो परिवार के लोगों को कई प्रकार से कष्ट देते हैं.

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पितरों के कष्टों से चाहते हैं मुक्ति, तो मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये 5 काम
Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या आज 20 नवंबर गुरुवार को है. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग है. शोभन योग आज सुबह से लेकर सुबह 09:53 बजे तक है, वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग 10:58 ए एम से लेकर कल 21 नवंबर को 06:49 ए एम तक रहेगा. मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि आज दोपहर 12:16 पी एम तक है. इससे पूर्व आप पितरों को प्रसन्न और तृप्त करने के उपाय कर सकते हैं. पितर जब खुश होते है तो वे किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देते हैं. वहीं जब वे नाराज होते हैं तो कई प्रकार से अपने परिवारवालों को कष्ट पहुंचाते हैं.

नाराज पितरों के कष्टों से मुक्ति के उपाय

1. दान: मार्गशीर्ष अमावस्या के अवसर पर नाराज पितरों को खुश करने के लिए दान करें. अपने पितरों के नाम का स्मरण करके अन्न और सफेद वस्त्र का दान करना चाहिए. सफेद वस्त्र बिना सिला हुआ होना चाहिए. सफेद वस्त्र में धोती और गमछा हो सकता है.

2. भोज: मार्गशीर्ष अमावस्या पर अपने ​पितरों को खुश करने के लिए आप ब्राह्मण भोज कराएं या फिर 1 या 7 कन्याओं को भोजन करा सकते हैं. कहा जाता है कि भोज कराने से पितरों को वह भोजन प्राप्त होता है. इसे पाकर वे तृप्त होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.

3. तर्पण: आपके पास कुछ भी नहीं है तो आप मार्गशीर्ष अमावस्या के अवसर पर सुबह में जब स्नान करें तो उसके बाद अपने पितरों को याद करके जल से तर्पण करें. तर्पण से मिलने वाला जल पितरों को प्राप्त होता है. तर्पण में सफेद फूल, कुश और काले तिल का उपयोग करना चाहिए.

4. दीपदान: ऐसी मान्यता है कि अमावस्या को शाम के समय जब सूर्यास्त होता है तो सभी पितर धरती लोक से वापस पितृ लोक जाने लगते हैं. उस समय में पितरों के लिए दीपदान करना चाहिए. इसके लिए आप अपने पितरों को स्मरण करें और घर के बाहर चौमुखा दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं. इससे पितरों के मार्ग में अंधेरा नहीं होगा और वे मार्ग में प्रकाश पाकर प्रसन्न होंगे.

5. गरुड़ पुराण का पाठ: यदि आपके पितर खुश नहीं हैं, वे किन्हीं भी कारणों से आपको परेशान कर रहे हैं तो उनकी शांति के लिए घर पर गरुड़ पुराण का पाठ कराएं. गरुड़ पुराण सुनने से पितरों से संबंधित दोष मिट जाते हैं, परिवार में सुख और शांति आती है.

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कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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