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how to consume curd: दही भारतीय भोजन का एक अहम हिस्सा है. यह न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी और गुणकारी है. आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही दही को पाचन सुधारने और शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला श्रेष्ठ आहार मानते हैं. इसके अनेकों फायदे आयुर्वेद में बताए गए हैं. लेकिन यह लाभकारी के साथ बहुत हानिकारक भी है. जानिए…

विशेषज्ञों के अनुसार, दही का सेवन दिन में ही करना चाहिए. खास तौर से दोपहर के भोजन में दही को शामिल करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और शरीर को ऊर्जा मिलती है. सुबह के समय खाली पेट दही खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे पेट में बलगम बन सकता है और एसिडिटी की समस्या हो सकती है.

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की पांच साल अनुभवी चिकित्साधिकारी डॉ वंदना उपाध्याय ने कहा कि, //रात में दही खाने को को लेकर आयुर्वेद में मतभेद है//. आयुर्वेद कहता है कि रात में दही खाने से सर्दी-जुकाम और कफ बढ़ सकता है. हालांकि, अगर रात में दही खाना जरूरी हो, तो इसे काली मिर्च या चीनी मिलाकर खाना चाहिए, जिससे इसके दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं.

दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे पाचन क्रिया सुचारू रहती है. दही के नियमित सेवन से इम्युनिटी मजबूत होती है और शरीर मौसमी संक्रमण से लड़ने में सक्षम होता है. दही कैल्शियम और फॉस्फोरस का बेहतरीन स्रोत है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है. दही प्रोटीन से भरपूर होता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा रहता है और ओवरईटिंग की आदत कम होती है. दही का सेवन त्वचा को नमी प्रदान करता है और बालों को मजबूत बनाता है.
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अगर किसी को सर्दी-जुकाम, कफ या एलर्जी की समस्या है, तो वह रात में दही का सेवन बिल्कुल न करें. इसके अलावा, जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलरेंस है, वे भी दही का सेवन सीमित मात्रा में करें. गंभीर रोग से ग्रस्त होने की स्थिति में एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

दही को हमेशा ताजा खाएं, बासी दही से पेट खराब हो सकता है. दही में नमक, चीनी या मसाले मिलाकर इसका स्वाद और गुण बढ़ाया जा सकता है. गर्मियों में दही का सेवन छाछ या रायता बनाकर करना सबसे अच्छा विकल्प है. दही को तले हुए या बहुत गरम भोजन के साथ खाने से बचें.

दही एक प्राकृतिक सुपरफूड है, जो सही समय और सही तरीके से खाने पर सेहत को कई गुना लाभ पहुंचा सकता है. इसे अपने रोजमर्रा के आहार में शामिल करने से पाचन, हड्डियां, त्वचा और इम्युनिटी सभी मजबूत बने रहते हैं.

सुबह खाली पेट दही खाने से बचें. इससे बलगम बढ़ सकता है और पेट में एसिडिटी की समस्या हो सकती है. यदि आप नाश्ते में पराठा, उपमा या पोहा खाते हैं, तो उसके साथ दही या रायता खा सकते हैं। यह पाचन को दुरुस्त करता है और दिनभर ऊर्जा बनाए रखता है. दही खाने का सबसे फायदेमंद समय दोपहर है. इसे भोजन के साथ या बाद में खाएं. रायता, कढ़ी, लस्सी या छाछ के रूप में दही का सेवन करें. इससे पाचन बेहतर होता है और शरीर को ठंडक मिलती है.

शाम के समय दही से बनी स्मूदी या फल-दही (फ्रूट योगर्ट) लेना हल्के नाश्ते के लिए बेहतर विकल्प है. आयुर्वेद में रात में दही खाने से बचने की सलाह दी गई है. क्योंकि इससे कफ और सर्दी की समस्या बढ़ सकती है. अगर खाना हो, तो तो उसमें काली मिर्च, गुड़ या चीनी मिलाकर खाएं। इससे इसके दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं.

जिनको बार-बार सर्दी-जुकाम होता है. जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलरेंस है. जो लोग अस्थमा या एलर्जी की समस्या से जूझ रहे हैं. इस चार्ट के हिसाब से दही का सेवन करने से न केवल पाचन सुधरेगा, बल्कि इम्युनिटी भी मजबूत होगी और शरीर को कैल्शियम, प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स के भरपूर फायदे मिलेंगे.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-best-way-to-eat-curd-how-to-consume-curd-local18-9874227.html







