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Hyderabad News : हैदराबाद की भागदौड़ के बीच 83 एकड़ में फैली दुर्गम चेरुवु झील अपनी शांति और प्राकृतिक सुंदरता के कारण सीक्रेट लेक के नाम से मशहूर है. 16वीं सदी से इतिहास समेटे यह झील आज पर्यटन और पिकनिक का बड़ा केंद्र बन चुकी है. यहां का रॉक गार्डन, कृत्रिम झरने और शाम की रोशनी इसे और आकर्षक बनाते हैं. बोटिंग, फिशिंग और केबल ब्रिज जैसे आकर्षण पर्यटकों के अनुभव को और यादगार बना देते हैं.
हैदराबाद. हैदराबाद की ऊंची इमारतों और चमकती सड़कों के बीच छिपी है एक बेहद खूबसूरत और रहस्यमयी जगह दुर्गम चेरुवु झील. जुबली हिल्स, माधापुर और रायदुर्ग जैसे क्षेत्रों से घिरी यह झील लगभग 83 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है. इसकी पहचान इतनी गुप्त मानी जाती है कि इसे सीक्रेट लेक कहा जाता है. इसका इतिहास 16वीं सदी से जुड़ा है, जब लगभग 1518 में गोलकुंडा किले के निवासियों के लिए यह झील पीने के पानी का मुख्य स्रोत हुआ करती थी.
यह झील न सिर्फ इतिहास समेटे हुए है बल्कि आधुनिक हैदराबाद की भागदौड़ के बीच लोगों के लिए एक शांत और सुकून भरा ठिकाना भी बन चुकी है. स्थानीय लोगों के अनुसार इसकी खासियत यह है कि शहर की हलचल के बीच भी यहाँ एक अलग ही शांति और प्राकृतिक सुंदरता महसूस होती है. यही कारण है कि यह पर्यटन और स्थानीय पिकनिक प्रेमियों के बीच तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है.
अब बन चुकी है लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट
इस झील के बारे में आरू राजन बताते हैं कि यह हैदराबाद की हाईटेक सिटी के बिल्कुल बीचोंबीच स्थित है. आज यह स्थान लोगों के लिए मनोरंजन और आराम करने का प्रमुख केंद्र बन गया है. लोग यहाँ मछली पकड़ने के साथ अपने परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियाँ बिताने आते हैं. झील के सौंदर्यीकरण के बाद इसकी खूबसूरती और अधिक बढ़ गई है. कृत्रिम झरने, रॉक गार्डन और तैरते फव्वारे, खासकर शाम के समय, एक बेहद आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करते हैं.
मज़ा दोगुना कर देती है बोटिंग
झील की सैर का सबसे रोमांचक अनुभव है यहाँ की बोटिंग. यहाँ स्पीड बोट की सवारी 400 रुपये में उपलब्ध है. अगर आप समूह में हैं तो बड़ी बोट का किराया सिर्फ 60 रुपये पड़ता है. इसके अलावा 200 रुपये में रेस्टोरेंट बोटिंग का भी विकल्प है, जिसमें आराम से बैठकर पूरी झील का नज़ारा लिया जा सकता है. बोटिंग का यह अनुभव झील को देखने का सबसे खास तरीका माना जाता है.
झील की शान है केबल ब्रिज
दुर्गम चेरुवु की पहचान उस पर बने आकर्षक सस्पेंशन केबल ब्रिज से भी है. यह पुल जुबली हिल्स को माधापुर और हाईटेक सिटी से जोड़ता है. इसका आधुनिक डिज़ाइन और रात के समय जलती रंग-बिरंगी रोशनियाँ इसे और अधिक खूबसूरत बना देती हैं. यही कारण है कि यह पुल पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है.

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
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