रीवा. विंध्य क्षेत्र की गिनती मध्यप्रदेश के सबसे सुंदर जगहों में होती है. यह एक ऐसी जगह है, जिसे अपनी संस्कृति, परंपराओं और खासकर बोली के लिए पहचाना जाता है. विंध्य क्षेत्र की बघेलखंड यानी बघेली बोली पूरे प्रदेश में अलग ही पहचान रखती है. जब आप यहां जाएंगे तो आपको विंध्य की लोक परंपरा और संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा. खासकर यहां के बघेली व्यंजन का अनोखा स्वाद लोगों को कभी नहीं भूलता है, उन्हीं में से एक है ठंड के मौसम में बनने वाली चावल के साथ चने की भाजी.
रीवा की चने की भाजी का खास स्वाद हर जगह से अलग होता है.लोग कहते हैं कि गांव में चने की भाजी का स्वाद ही अलग होता है. खेत से ताजा चने की भाजी लेकर इसे ताजा बनाने से इसका स्वाद और भी बेहतर हो जाता है. साथ ही, भाजी के स्वाद को लहसुन, हींग, बडी और चावल का तड़का और भी ज्यादा स्वादिष्ट और सेहतमंद बना देता है. विंध्य क्षेत्र की चने की भाजी न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि यह ठंड के मौसम में एक बेहतरीन और पौष्टिक व्यंजन साबित होती है. इस रेसिपी को आप आसानी से अपने घर पर बना सकते हैं और परिवार के सभी सदस्य इसका आनंद ले सकते हैं.
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में ठंड का मौसम आते ही घर-घर में चने की भाजी बनाई जाती है. यह न केवल एक पारंपरिक व्यंजन है, बल्कि इसकी खासियत उसका स्वाद भी है जो हर किसी को लुभाता है. खासकर जब यह भाजी खेतों से ताजा तोड़कर बनाई जाती है, तो इसका स्वाद और भी अधिक लाजवाब हो जाता है. आज हम आपको रीवा की इस प्रसिद्ध डिश चावल के साथ बनने वाली चने की भाजी की रेसिपी के बारे में बताएंगे, जिसे आप आसानी से अपने घर पर बना सकते हैं.
चने की भाजी बनाने की सामग्री-
ताजे चने की भाजी (बारीक कटी हुई)
2-3- चम्मच सरसों तेल
3-4 -उड़द दाल सफेद कद्दू वाली बडी (कोंहडौरी बडी)
हींग- दो चुटकी
आधा चम्मच- राई
आधा चम्मच- जीरा
एक तिहाई चम्मच- मेंथी दाना
5-10- लहसुन की कलियां
दो- कटी हुई हरी मिर्च
एक मुट्ठी- चावल
नमक स्वाद अनुसार
पानी जरूरत अनुसार (भाजी का आधा).
चने की भाजी बनाने की विधि-
भाजी की तैयारी: सबसे पहले खेत से ताजा चने की भाजी तोड़कर लाएं. फिर हसिए से इसे बारीक काट लें, एक कटनी में जितनी भाजी आ सके उतनी काटकर तैयार कर लें.
तेल में तड़का: अब एक लोहे की कढ़ाई चूल्हे पर रखें. उसमें 2-3 चम्मच तेल डालें और तेल गर्म होने के बाद उसमें बडी डालकर थोड़ा फ्राई करके निकाल लें. फिर हींग, लहसुन की कलियां, हरी मिर्च, राई, मेंथी,जीरा का तड़का लगाएं. मसालों को अच्छी तरह से भूनने दें ताकि इसका स्वाद पूरी तरह से घुल जाए.
तड़का लगने के बाद, कढ़ाई में एक एक मुट्ठी चावल डालें. इसे 10-15 मिनट तक अच्छे से मसालों के साथ भुन लें. यह चावल चने की भाजी के स्वाद को एक नया आयाम देता है. फिर कोंहडौरी बडी डालकर मिला लें.
भाजी डालें: अब कटी हुई चने की भाजी कढ़ाई में डालें और इसे अच्छे से मिला लें पांच मिनट तक भुन लें, फिर पानी डालकर मिला दें. अब अगर भाजी में और पानी की आवश्यकता हो, तो थोड़ा पानी डाल सकते हैं. इसे कुछ देर पकने दें, जब तक भाजी पूरी तरह से गाढ़ी न हो जाए.
परोसने का तरीका: आपकी चने की भाजी चावल वाली बनाकर तैयार हो चुकी है. इसे विंध्य क्षेत्र में बनने वाली बेर्री की रोटी या पोई रोटियों या चावल के साथ गरमा-गर्म परोसें. इस भाजी का स्वाद तब और भी बढ़ जाता है जब इसे अमरुद की चटनी, आंवले का अचार, हरी मिर्च और मूली के साथ खाया जाए.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-vindhya-rewa-chane-ki-bhaji-bagheli-traditional-recipe-once-you-eat-never-forget-taste-for-rest-of-your-life-local18-9876751.html







