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बथुआ की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है. खेतों के किनारे, बगीचों के पास या खाली प्लॉटों में यह खुद-ब-खुद उग आता है. इसका इस्तेमाल बेहद सरल और स्वादिष्ट तरीकों से किया जा सकता है, जिससे यह सर्दियों का एक लोकप्रिय और पौष्टिक साग बन जाता है.

ठंड शुरू होते ही खेतों, खाली जमीनों और फसलों के बीच अपने-आप उग आने वाले बथुआ (Bathua) को अक्सर लोग एक साधारण साग समझकर अनदेखा कर देते हैं. इसे अंग्रेजी में ‘लैंब्स क्वार्टर’ (Lamb’s Quarters) कहा जाता है. आयुर्वेद में यह पौधा एक शक्तिशाली औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है और पोषण एवं स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है. कम लागत में यह शरीर को फिट रखने की क्षमता रखता है.

बथुआ को सुपरफूड इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें अविश्वसनीय पोषण मूल्य (Nutritional Value) मौजूद है. इसकी हरी पत्तियों में विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन के की भरपूर मात्रा होती है. साथ ही, यह कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे आवश्यक मिनरल और पोषक तत्वों का पावरहाउस है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से भी बचाते हैं. छोटा-सा यह पौधा वास्तव में एक पूरा न्यूट्रीशन टैंक (Nutrition Tank) है.

सर्दियों में बथुआ खाने का सबसे बड़ा फायदा पाचन तंत्र (Digestion System) को दुरुस्त रखना है. इसमें मौजूद उच्च मात्रा का फाइबर (Fiber) आंतों की सफाई करता है और कब्ज (Constipation) की समस्या को दूर करने में मदद करता है. यह गैस और एसिडिटी (Acidity) जैसी सामान्य पेट की समस्याओं में भी राहत देता है. कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ ताजे बथुए के रस (Fresh Juice) का सेवन करने की सलाह देते हैं, जो भूख बढ़ाने के साथ-साथ आंतों को पूरी तरह साफ (Intestine Cleansing) रखता है और आपके पूरे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य को मजबूत करता है.
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बथुआ सिर्फ पाचन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं. इसका ताजा रस लिवर को साफ (Liver Cleansing) रखने में मदद करता है और शरीर की आंतरिक सूजन (Inflammation) को कम करता है. यह गुण जोड़ों के दर्द (Joint Pain) और सुबह की जकड़न (Stiffness) में भी फायदेमंद है. आयरन (Iron) का अच्छा स्रोत होने के कारण यह खून की कमी यानी एनीमिया (Anaemia) से जूझ रहे लोगों के लिए महत्वपूर्ण है. साथ ही, इसमें मौजूद विटामिन ए और सी त्वचा (Skin) और बालों (Hair) के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं.

बथुआ की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आसानी से उपलब्ध (Easily Available) हो जाता है. खेतों के किनारे, बगीचों या खाली प्लॉटों में यह प्राकृतिक रूप से उग जाता है. इसके इस्तेमाल के तरीके सरल और स्वादिष्ट हैं बथुए का साग (Saag), पराठे, रायता, जूस या सूप बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है. इसे सुखाकर पाउडर (Powder) भी बनाया जाता है, जिसे बाद में उपयोग किया जा सकता है. गांवों में इसकी पौष्टिकता के कारण इसे पशुओं के चारे में भी शामिल किया जाता है. बथुआ को अपनी डाइट में शामिल करना न केवल सस्ता बल्कि सेहतमंद विकल्प भी है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-bathua-superfood-health-benefits-winter-diet-joint-pain-digestion-strength-kamjori-kaise-dur-kare-local18-9877244.html







