Surya Grahan 2026: नया साल शुरू होते ही लोग आने वाले महीनों की खास खगोलीय घटनाओं के बारे में जानने लगते हैं. इनमें सबसे ज़्यादा चर्चा जिस विषय की होती है, वह है-सूर्य ग्रहण. कई लोग इसे सिर्फ वैज्ञानिक घटना मानते हैं, तो कई लोग इसे धार्मिक आस्था से जोड़कर देखते हैं. लोगों के मन में हमेशा यह सवाल रहता है कि इस साल सूरज पर कब छाया पड़ेगी, ग्रहण कब लगेगा, कितने बजे शुरू होगा, सूतक कब लगेगा और क्या भारत में दिखाई देगा या नहीं. 2026 में भी दो बड़े सूर्य ग्रहण पड़ने वाले हैं, लेकिन दोनों की अपनी खासियत है. कई बार ग्रहण लगता तो है, मगर भारत से दिखाई नहीं देता. इसका कारण पृथ्वी की स्थिति, सूर्य की लोकेशन और चांद की चाल होती है. इसी वजह से कई ग्रहण सिर्फ कुछ ही देशों में दिखाई देते हैं. इसके अलावा एक और दिलचस्प बात यह है कि भले ही ग्रहण भारत में न दिखे, फिर भी लोग इसकी धार्मिक मान्यता को लेकर जागरूक रहते हैं. हमने इस विषय पर भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से बातचीत की. उनके मुताबिक, हर सूर्य ग्रहण का असर एक जैसा नहीं होता. कुछ ग्रहण वैज्ञानिक रूप से असर नहीं डालते क्योंकि वे दिखाई ही नहीं देते, लेकिन ज्योतिष में उनका अपना महत्व बना रहता है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि 2026 के दोनों ग्रहण कब लगेंगे और किन देशों में दिखाई देंगे? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं.
वर्ष 2026 में पड़ने वाले सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2026 Date)
2026 में कुल दो सूर्य ग्रहण-लगेंगे.
दोनों ही ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे, लेकिन ज्योतिषीय नज़र से इनका महत्व बना रहेगा.
नीचे दोनों ग्रहणों की सरल जानकारी दी गई है-
तिथि ग्रहण का प्रकार सूतक काल समय (भारतीय समयानुसार)
17 फरवरी 2026 कंकणाकार सूर्य ग्रहण सुबह 3 बजे से सूतक 3:26 AM-5:27:46 PM तक
12 अगस्त 2026 पूर्ण सूर्य ग्रहण सुबह 9 बजे से सूतक 9:04:48 PM-10:39:10 PM तक
वर्ष 2026 का पहला सूर्य ग्रहण कब लगेगा?
2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी, मंगलवार-को लगेगा. यह ग्रहण कंकणाकार-होगा, जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. यह ग्रहण दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अर्जेंटीना और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में नजर आएगा. भारत में यह ग्रहण किसी भी चरण में दिखाई नहीं देगा. इसलिए वैज्ञानिक रूप से इसका कोई प्रत्यक्ष प्रभाव यहां नहीं माना जाएगा.
पंडित हितेंद्र कुमारर शर्मा बताते हैं कि:
“जब ग्रहण देश में दिखाई न दे, तो कई लोग सूतक नहीं मानते. लेकिन धार्मिक मान्यता के हिसाब से ग्रहण का असर राशियों पर माना जाता है. इसीलिए भारत में भले ही ग्रहण दिखाई न दे, पर इसके धार्मिक मायने कम नहीं होते.” इस ग्रहण का सूतक काल घटना से 12 घंटे पहले-लग जाता है, लेकिन चूंकि भारत में ग्रहण दिखेगा ही नहीं, इसलिए सूतक को मानना या न मानना पूरी तरह व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर होगा.

वर्ष 2026 का दूसरा सूर्य ग्रहण कब पड़ेगा?
2026 का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त-को लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण-होगा, यानी चांद पूरे सूरज को ढक देगा. यह एक रोमांचक खगोलीय दृश्य होगा जो दुनिया के कुछ देशों से साफ दिखाई देगा. यह ग्रहण आर्कटिक क्षेत्र, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल और रूस-के कुछ भागों में नजर आएगा. भारत में इस समय रात-होगी, इसलिए यह ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा. भारत में यह ग्रहण वैज्ञानिक रूप से मान्य नहीं माना जाएगा, लेकिन धार्मिक लोग इस ग्रहण को लेकर अपनी मान्यताओं का पालन कर सकते हैं.
सूतक काल इस ग्रहण से 12 घंटे पहले-लागू माना जाता है, लेकिन चूंकि भारत में ग्रहण अदृश्य रहेगा, इसलिए कई लोग सूतक का पालन नहीं करते.

क्या 2026 के दोनों सूर्य ग्रहण भारत में प्रभाव डालेंगे?
-दोनों ग्रहण भारत में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देंगे.
-वैज्ञानिक दृष्टि से इनका कोई असर भारत में नहीं माना जाएगा.
-लेकिन ज्योतिष में ग्रहणों का महत्व बना रहता है.
-कई लोग मानते हैं कि ग्रहण के दौरान ग्रहों की चाल कुछ राशियों को प्रभावित कर सकती है.
-धार्मिक मान्यताओं का पालन करना या न करना पूरी तरह व्यक्तिगत विश्वास पर निर्भर है.
क्या 2026 के सूर्य ग्रहण का सूतक भारत में मानना चाहिए?
चूंकि दोनों ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे, इसलिए सूतक का पालन अनिवार्य नहीं माना गया है.
लेकिन यदि आप धार्मिक मान्यताओं को मानते हैं, तो अपनी आस्था के अनुसार नियम अपना सकते हैं.






