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Inject Insulin Without Pain: डायबिटीज मरीजों के लिए इंसुलिन इंजेक्शन संजीवनी से कम नहीं है. शुगर की बीमारी को कंट्रोल रखने के लिए डॉक्टर के परामर्श के आधार पर इंसुलिन इंजेक्शन इंजेक्ट करना जरूरी है. लेकिन चीन के वैज्ञानिकों ने इसका विकल्प खोज लिया है, जो कि इससे कम दर्दनाक और ज्यादा इफेक्टिव है. अब आप क्रीम की मदद से शरीर में इंसुलिन को बैलेंस कर सकते हैं.
डायबिटीज के मरीजों के लिए रोजाना इंसुलिन इंजेक्शन लेना जरूरी है. लेकिन जल्द ही इंसुलिन इंजेक्शन इतिहास बनने वाले हैं. नेचर में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, चीन की Zhejiang University के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे इंसुलिन अब त्वचा पर लगाने से ही शरीर में पहुंच जाएगी.यानी अब सुई की जरूरत नहीं पड़ेगी.
अभी तक वैज्ञानिकों के लिए यह असंभव माना जाता था क्योंकि इंसुलिन के अणु बहुत बड़े होते हैं और पानी से आकर्षित होते हैं, जबकि हमारी त्वचा की बाहरी परत तेलीय होती है. इस वजह से इंसुलिन त्वचा के अंदर नहीं जा पाती. लेकिन शोधकर्ताओं ने इस कठिनाई का समाधान ढूंढ लिया है.
इंसुलिन बनाने वाला क्रीम
चीन के वैज्ञानिकों ने एक खास प्रकार का पॉलिमर बनाया है जिसका नाम- poly(2-(N-oxide-N,N-dimethylamino)ethyl methacrylate) रखा गया है. यह पॉलिमर त्वचा के अलग-अलग पीएच लेवल्स के हिसाब से खुद को बदल लेता है. त्वचा की ऊपरी परत पर यह पॉजिटिव चार्ज रखता है, जिससे यह त्वचा की लिपिड (तेल) परत से चिपक जाता है. जैसे-जैसे यह अंदर की ओर बढ़ता है, चार्ज कम हो जाता है और यह लिपिड को छोड़कर आसानी से शरीर के भीतर पहुंच जाता है.
एनिमल टेस्टिंग में मिली सफलता
जब इस ओपी पॉलिमर के साथ इंसुलिन को मिलाया गया, यानी OP–I तैयार किया गया, तो परिणाम बेहद दिलचस्प निकले. शोधकर्ताओं ने इसे पहले इंसानी त्वचा के नमूनों और फिर डायबिटिक चूहों और मिनी पिग्स पर टेस्ट किया.परिणामों में पाया गया कि OP–I ने इंसुलिन की तुलना में त्वचा के अंदर कहीं बेहतर तरीके से प्रवेश किया. यहां तक कि डायबिटिक चूहों में यह इलाज ब्लड शुगर को सिर्फ एक घंटे में सामान्य स्तर पर ले आया, और प्रभाव 12 घंटे तक बना रहा. मिनी पिग्स पर भी इसका असर लगभग वही रहा. दो घंटे में ब्लड शुगर कंट्रोल में आ गया और लंबे समय तक स्थिर रहा.
कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं
सबसे खास बात यह है कि त्वचा पर इस प्रक्रिया से कोई सूजन या संक्रमण नहीं देखा गया, यानी यह सुरक्षित भी नजर आती है. शोध दिखाता है कि एक बार शरीर के अंदर पहुंचकर इंसुलिन लिवर, फैट और मांसपेशियों जैसे प्रमुख ग्लूकोज-नियंत्रक हिस्सों में सक्रिय हो जाती है, और इंजेक्शन जैसी ही प्रभावी भूमिका निभाती है.
नहीं पड़ेगी इंसुलिन इंजेक्शन की जरूरत!
अगर भविष्य में इस तकनीक का ह्यूमन टेस्टिंग सफल रहता है, तो इंसुलिन इंजेक्शन की सुइयां अतीत बन सकती हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पॉलिमर न सिर्फ इंसुलिन, बल्कि अन्य प्रोटीन और पेप्टाइड आधारित दवाओं को भी त्वचा से शरीर में पहुंचाने का आसान रास्ता खोल सकता है.

शारदा सिंह बतौर सीनियर सब एडिटर Bharat.one Hindi से जुड़ी हैं. वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्यू पर आधारित रिपोर्ट्स बनाने में एक्सपर्ट हैं. शारदा पिछले 5 सालों से मीडिया …और पढ़ें
शारदा सिंह बतौर सीनियर सब एडिटर Bharat.one Hindi से जुड़ी हैं. वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्यू पर आधारित रिपोर्ट्स बनाने में एक्सपर्ट हैं. शारदा पिछले 5 सालों से मीडिया … और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-how-to-boost-insulin-scientist-made-cream-that-increase-insulin-and-control-diabetes-without-injection-ws-l-9879124.html






