Vastu Mirror Tips: घर में शीशा लगाना आजकल सिर्फ सजावट या लुक्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपके घर की एनर्जी पर सीधे असर डालता है. अक्सर लोग सोचते हैं कि शीशा तो बस एक रिफ्लेक्ट करने वाली चीज है, इससे भला क्या फर्क पड़ सकता है? लेकिन वास्तु के नजरिए से देखें तो यही शीशा आपकी तरक्की, रिश्ते और घर के माहौल तक को बदल सकता है. कई घरों में कोशिश रहती है कि हर कमरे में एक बड़ा सा शीशा लगा हो ताकि स्पेस बड़ा लगे और लाइटिंग भी बढ़ जाए. वहीं कई लोग बिना सोचे-समझे दीवार-दर-दीवार मिरर लगा देते हैं, जो बाद में एनर्जी को गड़बड़ कर देता है. वास्तु मानता है कि शीशा अपने आसपास की हर एनर्जी को बढ़ाकर वापस भेजता है-चाहे वह अच्छी हो या खराब. यानी अगर घर में पॉजिटिव एनर्जी है तो शीशा उसे कई गुना बढ़ा देगा, लेकिन अगर घर में टेंशन, झगड़े या किसी वजह से नेगेटिव एनर्जी है तो वह भी बढ़ सकती है. इसलिए घर में सिर्फ कितने शीशे होने चाहिए, इसका जवाब मिरर की प्लेसमेंट, दिशा और आकार पर निर्भर करता है. आजकल एक से ज्यादा मिरर लगाने का चलन आम है, लेकिन क्या यह हमेशा सही है? क्या हर दिशा में शीशा लग सकता है? क्या बेडरूम में मिरर ठीक है? ये सवाल लगभग हर किसी के मन में रहते हैं. तो आइए जान लेते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि घर में कितने शीशे ठीक माने जाते हैं और किस दिशा में लगाना चाहिए जिससे नेगेटिव असर न पड़े.

गलत शीशा लगाने का असर
घर में कितने मिरर लगाना सही है?
वास्तु में मिरर की संख्या पर कोई खास रोक नहीं है. आप घर में एक से ज्यादा शीशे लगा सकते हैं, बस यह ध्यान रहे कि उनकी लोकेशन और दिशा सही होनी चाहिए, अगर आपका शीशा किसी शुभ चीज़ को दिखा रहा है-जैसे हरा-भरा पौधा, सुंदर प्राकृतिक तस्वीर, धन की तिजोरी या साफ-सुथरा कोना-तो ज्यादा शीशे उस पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाते हैं. इससे घर में ग्रोथ, शांति और सौभाग्य बढ़ता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप हर दीवार पर मिरर लगा दें. बहुत सारे शीशे घर में कन्फ्यूजन, अनचाही एनर्जी और हल्की बेचैनी ला सकते हैं. खासकर तब जब दो शीशे आमने-सामने हों. इससे एनर्जी का रिफ्लेक्शन एक चक्र की तरह घूमता रहता है, जिससे घर में अशांति और तनाव बढ़ सकता है.
कौन सी दिशा में शीशा लगाना शुभ होता है?
1. उत्तर दिशा -धन की दिशा
उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की मानी जाती है. इस दिशा में लगा शीशा घर की फाइनेंशियल एनर्जी को बढ़ाता है, अगर आपकी तिजोरी या कैश बॉक्स इस दिशा में है और शीशे में उसका पॉजिटिव रिफ्लेक्शन दिखाई देता है, तो यह घर में बरकत को बढ़ा सकता है.
2. पूर्व दिशा -खुशहाली और स्वास्थ्य
पूर्व दिशा हमेशा नई शुरुआत, स्वास्थ्य और पॉजिटिविटी का प्रतीक मानी जाती है. इस दिशा में लगा शीशा घर के माहौल को हल्का, साफ और एनर्जेटिक बनाता है. डाइनिंग एरिया के सामने लगा शीशा भी शुभ माना जाता है क्योंकि यह भोजन की मात्रा को बढ़ाकर दिखाता है, जिसे अन्न की बरकत से जोड़कर देखा जाता है.

गलत शीशा लगाने का असर
कहां नहीं लगाना चाहिए शीशा?
1. बेडरूम में ठीक सामने
बेडरूम में सोते समय आपका चेहरा या पूरा शरीर अगर शीशे में दिख रहा है तो यह वास्तु के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता. इससे पति-पत्नी के रिश्ते में तनाव, बहस और अनचाहा दबाव बढ़ सकता है, अगर मिरर हटाना संभव नहीं है तो रात में उसे कपड़े से ढक दें.
2. मुख्य दरवाजे के सामने
मुख्य द्वार से जो सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है, शीशा उसे वापस बाहर धकेल देता है. इससे घर में ग्रोथ रुक सकती है और स्थिति बार-बार बिगड़ सकती है.
3. दो शीशे आमने-सामने
इससे लगातार रिफ्लेक्ट होती एनर्जी भंवर की तरह घूमती है, जो मानसिक तनाव और घर में अशांति का कारण बन सकती है.
शीशे का आकार और साफ-सफाई भी जरूरी
-टूटा हुआ या धुंधला शीशा तुरंत बदल दें.
-बहुत छोटे-छोटे मोज़ेक मिरर से बचें, ये एनर्जी को टुकड़ों में काट देते हैं.
-बड़ा, साफ और अच्छी क्वालिटी का शीशा ही घर की एनर्जी को सुधारता है.






