Jupiter In 7th House: जन्मपत्री में सातवां भाव शादी, रिश्तों, पार्टनरशिप, लाइफ पार्टनर का नेचर, आपका रिलेशन चलने की संभावना और बिज़नेस पार्टनर के साथ तालमेल जैसे मुद्दों को दिखाता है. यही वजह है कि जब बृहस्पति जैसे बड़े और शुभ ग्रह का सातवें भाव में बैठना देखा जाता है, तो ज्योतिष में इसे काफी असरदार माना जाता है. बृहस्पति को ज्ञान, समझदारी, भरोसे, ग्रोथ और पॉजिटिव एनर्जी का ग्रह बताया गया है. यह जहां भी बैठता है वहां हलचल तो जरूर लाता है, लेकिन उसके फायदे और नुकसान दोनों ही साफ नज़र आते हैं. अब सवाल यह है कि जब बृहस्पति सातवें भाव में होता है तो इसका सीधा असर कौन-कौन सी जगहों पर पड़ता है? क्या शादी जल्दी होती है? क्या लाइफ पार्टनर अच्छा मिलता है? क्या रिश्ते में चढ़ाव-उतार आते हैं? और क्या यह स्थिति बिज़नेस पार्टनरशिप को मजबूत बनाती है या उलझाती है? इसी तरह कई लोगों के मन में डर भी रहता है कि कहीं बृहस्पति सातवें भाव में बैठकर शादीशुदा जिंदगी को मुश्किल तो नहीं बना देगा. कुछ लोग कहते हैं कि यह स्थिति पार्टनर को ज्यादा डॉमिनेटिव बनाती है, वहीं कुछ कहते हैं कि इससे शादी में मिठास बढ़ती है. यानी एक ही जगह बैठकर बृहस्पति अलग-अलग लोगों पर अलग तरह से असर डाल सकता है.
इस आर्टिकल में हम बिल्कुल आसान शब्दों में समझेंगे कि यह ग्रह आपके सातवें भाव में होकर क्या अच्छा देता है, क्या दिक्कतें लाता है और कौन-से उपाय करके स्थिति को बेहतर किया जा सकता है.
बृहस्पति सातवें भाव के सकारात्मक प्रभाव
1. शादीशुदा जिंदगी में समझदारी और सपोर्ट
इस स्थिति में लाइफ पार्टनर काफी समझदार, शांत और सपोर्टिव होता है. दोनों के बीच बातचीत अच्छी रहती है और रिश्ते में भरोसा मजबूत बनता है. लड़ाई-झगड़े जल्दी खत्म हो जाते हैं.
2. समय पर शादी होने की संभावना
जिनकी कुंडली में बृहस्पति सातवें भाव में होता है, उनकी शादी अक्सर सही टाइम पर या परिवार की मरज़ी से अच्छे घर में होती है. कई बार शादी के बाद किस्मत भी खुलने लगती है.

गुरु सातवां भाव प्रभाव
3. पार्टनर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है
अक्सर लाइफ पार्टनर की जॉब, बिज़नेस या इनकम अच्छी होती है. शादी के बाद आर्थिक स्थिरता बढ़ती है.
4. बिज़नेस पार्टनरशिप में फायदा
अगर व्यक्ति बिज़नेस करता है तो उसे अच्छा पार्टनर मिलता है. काम में ग्रोथ, पैसा और नेम-फेम मिलने की संभावना बढ़ती है.
5. समाज में इज्जत और सम्मान
इस योग वाले लोग शादीशुदा होने के बाद समाज में ज्यादा सम्मान पाते हैं. लोग इन्हें भरोसेमंद और समझदार मानते हैं.
बृहस्पति सातवें भाव के नकारात्मक प्रभाव
1. रिश्तों में ओवर-डिपेंडेंसी
कई बार व्यक्ति अपने पार्टनर पर जरूरत से ज्यादा निर्भर हो जाता है. इससे रिलेशन में तनाव आ सकता है.
2. शादी के बाद वजन बढ़ना या आलस बढ़ना
जिन लोगों के सातवें भाव में बृहस्पति बैठता है, उनकी शादी के बाद शरीर में heaviness या वजन बढ़ने की शिकायत देखी जाती है.

गुरु सातवां भाव प्रभाव
3. ज्यादा उम्मीदें रिश्ते में खटास ला सकती हैं
बृहस्पति उम्मीद बढ़ाता है. कई बार पार्टनर से बहुत कुछ चाहने पर रिश्ते में टकराव हो सकता है.
4. पार्टनर का ज्यादा भावुक या ज्यादा धार्मिक होना
कभी-कभी पार्टनर हद से ज्यादा भावुक या धार्मिक हो सकता है, जिसकी वजह से घरेलू फैसलों में टकराव आने लगता है.
5. बिज़नेस में गलत भरोसा नुकसान दे सकता है
अगर बृहस्पति कमजोर हो या राहु-केतु से प्रभावित हो, तो बिज़नेस पार्टनर पर गलत भरोसा करके नुकसान उठाना पड़ सकता है.
बृहस्पति सातवें भाव के असर को बेहतर करने के आसान उपाय
1. गुरुवार को पीला कपड़ा पहनें और हल्का भोजन करें
इससे बृहस्पति की ऊर्जा मजबूत होती है.
2. पति-पत्नी एक साथ मंदिर जाएं
यह रिश्ते में शांति और पॉजिटिविटी बढ़ाता है.
3. पीली दाल और गुड़ दान करें
गुरुवार को गरीबों में पीली दाल देना बृहस्पति को खुश करता है.
4. अपने पार्टनर को सम्मान दें
पार्टनर की भावनाओं को समझना और उन्हें महत्व देना बृहस्पति के नकारात्मक असर को काफी कम कर देता है.
5. घर में गुरुजनों का सम्मान करें
बृहस्पति गुरु का प्रतीक है. घर के बुजुर्ग या टीचर्स का सम्मान करने से ग्रह मजबूत होता है.
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