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किडनी में पथरी होने पर कौन सी दाल खानी चाहिए?


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Kulthi Dal Ke Fayde: अरहर, मूंग, मसूर, चना, उड़द दालें तो हम रोज खाते हैं, लेकिन एक दाल ऐसी भी है जो औषधि से कम नहीं. इसका नाम कुल्थी की दाल है. इसे डाइट में शामिल कर आप कई बीमारियों से बच सकते हैं.

किडनी में पथरी होने पर कौन सी दाल खानी चाहिए?

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कुल्थी की दाल को सुपरफूड की श्रेणी में रखा है. यह दाल देश भर में पत्थरचट के नाम से भी जानी जाती है, क्योंकि आयुर्वेद में माना जाता है कि यह शरीर में बनी पथरी को धीरे-धीरे गलाने में मदद कर सकती है. कुल्थी की दाल सदियों से पथरी, डायबिटीज, मोटापा और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में उपयोग होती आई है. इसका सूप या जूस कई जगहों पर पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा रहा है.

इसे भी पढ़ें- छाती में भरा बलगम हो या पाचन में गड़बड़ी, ये 5रुपए का पत्ता सेहत के लिए वरदान, जानें खाने का सही तरीका

क्या बनाता है कुल्थी दाल को खास?

कुल्थी दाल में प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं. इसमें कार्बोहाइड्रेट बेहद कम और प्रोटीन तथा फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. यही कारण है कि इसे ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए फायदेमंद माना जाता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह दाल डायबिटीज के मरीजों के लिए प्राकृतिक रूप से उपयोगी साबित हो सकती है, हालांकि आधुनिक विज्ञान ने अभी इन दावों की पूरी पुष्टि नहीं की है.

पथरी में मदद

आयुर्वेद के अनुसार, कुल्थी दाल में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पथरी को धीरे-धीरे तोड़कर बाहर निकालने में सहायक हो सकते हैं. पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में इसका सूप या जूस नियमित रूप से पिया जाता रहा है. इसे नेचुरल स्टोन-ब्रेकर भी कहा जाता है. हालांकि मेडिकल विज्ञान का कहना है कि यदि किडनी में बड़ी पथरी हो या दर्द लगातार बढ़ता जाए, तो केवल घरेलू उपचार पर निर्भर न रहें और डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

वजन घटाने में उपयोगी

कम कार्ब और ज्यादा फाइबर होने के कारण कुल्थी दाल लंबे समय तक पेट भरा रखती है. इससे अनावश्यक भूख कम लगती है और कैलोरी का सेवन भी नियंत्रित रहता है. इसी वजह से मोटापे से परेशान लोग इसे अपने डाइट प्लान में शामिल करते हैं. यह पेट को हल्का रखने के साथ-साथ शरीर को ऊर्जा भी देती है.

जोड़ों के दर्द में राहत

आयुर्वेद में कुल्थी दाल को वात रोगों में लाभकारी माना गया है. यह जोड़ों के दर्द, गठिया, कमर दर्द और घुटनों की सूजन में राहत देने के लिए जानी जाती है. कुल्थी का पानी पाचन को भी मजबूत बनाता है और कब्ज की समस्या कम करने में उपयोगी माना जाता है.

कैसे करें सेवन?

कुल्थी दाल आसानी से मिल जाती है और आमतौर पर बिना साइड इफेक्ट मानी जाती है. इसे रातभर भिगोकर उबालकर खाना या इसका पानी पीना अधिक लाभकारी बताया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में तो इसे नियमित भोजन का हिस्सा बनाया जाता है.

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शारदा सिंहSenior Sub Editor

शारदा सिंह बतौर सीनियर सब एडिटर Bharat.one Hindi से जुड़ी हैं. वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्यू पर आधारित रिपोर्ट्स बनाने में एक्सपर्ट हैं. शारदा पिछले 5 सालों से मीडिया …और पढ़ें

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किडनी में पथरी होने पर कौन सी दाल खानी चाहिए?

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-which-dal-should-be-eaten-in-kidney-stones-kulthi-ka-daal-khane-se-kya-hota-hai-ws-el-9936686.html

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