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Dholpur Khajla Sweet Winter Special: खजला मिठाई की सबसे अलग बात यह है कि इसका स्वाद अनेकों प्रकार का होता है जैसे फीका, मीठा, नमकीन मावा से भरी हुई होती है।अगर खजला वाली मिठाई नमकीन प्रकार की होती है तो वह कुरकुरी जैसी होती है। इसी वजह से कम मीठा खाने वाले लोग भी इसे बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। और ज्यादा मीठा खाने वाले लोग मावा वाली खजला मिठाई को ज्यादा पसंद करते है।

राजस्थान का धौलपुर जिला बीहड़, बागी और बंदूक के अलावा अपनी एक और ख़ास पहचान रखता है, वह पहचान है यहाँ पर बनने वाली खजला मिठाई. यह मिठाई अपने अनेकों स्वाद और कुरकुरे होने के कारण धौलपुर के लोगों को बेहद पसंद आती है. इस कुरकुरी मिठाई को बनाने वाले हलवाई मूलतः उत्तर प्रदेश के रहने वाले होते हैं जो कई वर्षों से इस मिठाई को बनाने का कार्य करते आ रहे हैं.

खजला मिठाई की सबसे अलग बात यह है कि इसका स्वाद अनेकों प्रकार का होता है, जैसे फ़ीका, मीठा, नमकीन, और मावा से भरी हुई. अगर खजला वाली मिठाई नमकीन प्रकार की होती है तो वह कुरकुरी जैसी होती है. इसी वजह से कम मीठा खाने वाले लोग भी इसे बहुत ही ज़्यादा पसंद करते हैं. वहीं, ज़्यादा मीठा खाने वाले लोग मावा वाली खजला मिठाई को ज़्यादा पसंद करते हैं.

खजला मिठाई का कुरकुरापन और मिठास इसकी सबसे बड़ी ख़ूबी है. और खाने वालों को इसका स्वाद लंबे समय तक याद रहता है. धौलपुर में खजला एक महीने तक चलने वाले शरद महोत्सव के अवसर पर ही बनाया जाता है. और एक महीने में ही खजला की मिठाई धौलपुर के हर एक घर में पहुँच जाती है. यहाँ तक कि धौलपुर में आगरा, ग्वालियर, मुरैना से पर्यटक शरद महोत्सव को देखने आते हैं तो धौलपुर में बनी खजला मिठाई को अपने घर लेकर ज़रूर जाते हैं.
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खजला बनाने का तरीका बहुत ही ख़ास है. इसे बनाने के लिए मुख्य रूप से मैदा और चीनी का उपयोग किया जाता है. हलवाई मैदा को अच्छी तरह गूँथता है. फिर दोनों हाथ से उस गुँथी हुई मैदा को भटूरे की तरह बड़ा करता है. फिर उसे घी में तलने देते हैं. इसके बाद चीनी की चाशनी डालते हैं. कुछ खजला में मावा को भर दिया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बेहतर हो जाता है.

खजला की मिठाई को बनाने वाले हलवाई बताते हैं कि खजला को कुरकुरा करने के लिए उसे धीमी आँच पर सुनहरा होने तक तला जाता है. खजला की मिठाई धौलपुर ज़िले में कम से कम 100 वर्षों से बनाई जा रही है, इसलिए धौलपुर के निवासी इस मिठाई को अपनी विरासत भी समझते हैं. यह न केवल एक व्यंजन है, बल्कि धौलपुर की संस्कृति और इतिहास का एक मीठा हिस्सा है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-dholpur-khajla-mithai-winter-special-local18-9937216.html






