Indresh Upadhyay Wedding : कथावाचन की दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुके इंद्रेश उपाध्याय इन दिनों अपनी शादी को लेकर चर्चा में हैं. जयपुर में हुए इस भव्य समारोह ने न सिर्फ भक्तों और अनुयायियों का ध्यान खींचा, बल्कि देशभर के धार्मिक समुदाय में भी हलचल पैदा कर दी. हालांकि इतनी चर्चा सिर्फ शादी की शान शौकत की वजह से नहीं है, बल्कि इसकी वजह दुल्हन शिप्रा से जुड़ी बातें हैं, जिन पर सोशल मीडिया लगातार गरम है. खासकर उनके नाम और सरनेम को लेकर अलग अलग दावे सामने आ रहे हैं. कहीं उन्हें हरियाणा से जुड़ा बताया जा रहा है, तो कहीं पंजाब से. इन चर्चाओं के बीच लोग यह समझना चाहते हैं कि आखिर शिप्रा हैं कौन और उनके नाम के इर्द गिर्द इतनी बातें क्यों फैल रही हैं.
कथावाचक इंद्रेश की पत्नी के नाम को लेकर है अलग चर्चा जानिए पूरा मामला
वृंदावन के लोकप्रिय कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने 5 दिसंबर को जयपुर के आमेर में स्थित होटल ताज आमेर में धूमधाम से विवाह किया. यह शादी किसी साधारण आयोजन जैसी नहीं रही. सुबह से दोपहर तक चले कार्यक्रम में धार्मिक माहौल, मंत्रों की ध्वनि, मेहमानों की मौजूदगी और शाही सजावट ने इसे यादगार बना दिया. शादी में कई संत महंत और जाने माने अतिथि शामिल हुए, जिससे यह आयोजन और भी खास बन गया.
कौन हैं शिप्रा, जो बनीं इंद्रेश की जीवनसंगिनी
दुल्हन शिप्रा, जो इंद्रेश की पत्नी बनी हैं, मूल रूप से हरियाणा की बताई जाती हैं. उनके परिवार को सम्मानित और सुसंस्कृत माना जाता है. शिप्रा के पिता हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद पूरा परिवार अमृतसर में रह रहा है. कहा जा रहा है कि शिप्रा और इंद्रेश की सोच और आध्यात्मिक रुचियां एक जैसी होने के कारण यह रिश्ता मजबूत हुआ. दोनों परिवार इस रिश्ते को लेकर शुरुआत से ही उत्साहित थे और शादी में भी यह खुशी साफ दिखाई दी.
दुल्हन के नाम को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार चर्चा
शादी के बाद एक बात जो सबसे ज्यादा चर्चा में आ गई, वह थी शिप्रा का सरनेम. सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में उन्हें “शिप्रा बावा” लिखा गया. बावा सरनेम पंजाब में काफी प्रचलित है, इसी वजह से लोग यह अंदाजा लगाने लगे कि क्या शिप्रा पंजाब से हैं या हरियाणा से. कुछ लोग उन्हें “शिप्रा शर्मा” भी बता रहे हैं. इन अलग अलग दावों ने लोगों को और उत्सुक कर दिया है.
दिलचस्प बात यह है कि अभी तक परिवार की तरफ से सरनेम को लेकर कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है. हालांकि यह भी सच है कि शादी के बाद भी यह चर्चा रुक नहीं रही. इंटरनेट पर मौजूद कई वीडियो, फोटो और पोस्ट के बीच लोग इस विषय पर अपनी अपनी राय दे रहे हैं. कुछ इसे सामान्य बताते हैं, जबकि कुछ इसे दिलचस्प रहस्य की तरह देख रहे हैं.
वृंदावन में हुई सभी रस्में, निकासी बनी आकर्षण
शादी से पहले की सभी रस्में इंद्रेश के वृंदावन स्थित रमणरेती आश्रम में हुईं. हल्दी, मेहंदी और संगीत जैसे पारंपरिक कार्यक्रमों में परिवार और भक्तों ने खुलकर हिस्सा लिया. आश्रम में सजावट और माहौल ने इन रस्मों को और भी खास बना दिया.
निकासी का दृश्य तो मानो किसी फिल्मी सेट जैसा लग रहा था. दूल्हा बने इंद्रेश ने व्हाइट शेरवानी पहन रखी थी, सिर पर आकर्षक पगड़ी थी और हाथ में चांदी की छड़ी. हाथी और घोड़ों के साथ निकासी की भव्य व्यवस्था देखने वालों के लिए अद्भुत अनुभव बनी. निकासी की कई तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो चुकी हैं, जिन्हें लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं.
शादी क्यों बनी चर्चा का केंद्र
भक्तों के बीच इंद्रेश की लोकप्रियता पहले से ही काफी है. उनकी कथाओं में कहानी, भाव, और ज्ञान का सुंदर मिश्रण लोगों को आकर्षित करता है. ऐसे में उनकी शादी का चर्चा में आना स्वाभाविक था. हालांकि लोगों की दिलचस्पी सिर्फ शादी तक सीमित नहीं रही, बल्कि शिप्रा के बारे में भी उत्सुकता बढ़ती गई. खासकर सरनेम से जुड़ा विषय लोगों के लिए नया था, और यही वजह है कि यह मामला पूरे इंटरनेट पर फैल गया.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)







