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safla ekadashi: पौष मास सूर्य देव और विष्णु भगवान को समर्पित मास होता है, जिसमें खास तिथियों का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है. मार्गशीर्ष में देवी एकादशी का जन्मोत्सव और मोक्ष प्राप्ति के लिए एकादशी तिथि आती है तो उसके बाद पौष मास में सफलता प्राप्ति के लिए सफला एकादशी का आगमन बेहद ही खास होता है.
हरिद्वार: 15 दिसंबर को सभी रुके हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिए एक खास दिन का आगमन होगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, एक संवत में कई धार्मिक पर्वों का आगमन होता है. इन धार्मिक पर्वों पर शास्त्रों में बताई गई विधि अनुसार श्रद्धा, भक्ति-भाव से धार्मिक कार्य करने पर संपूर्ण लाभ की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता बताई गई है.
पौष मास सूर्य देव और विष्णु भगवान को समर्पित मास होता है, जिसमें खास तिथियों का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है. मार्गशीर्ष में देवी एकादशी का जन्मोत्सव और मोक्ष प्राप्ति के लिए एकादशी तिथि आती है तो उसके बाद पौष मास में सफलता प्राप्ति के लिए सफला एकादशी का आगमन बेहद ही खास होता है. चलिए विस्तार से जानते हैं कि सफला एकादशी का धार्मिक महत्व क्या है.
सालभर में 24 एकादशियों का आगमन
इसकी अधिक जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान धर्माचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री Bharat.one को बताते हैं कि सालभर में 24 एकादशियों का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है. धार्मिक ग्रंथो में सभी एकादशियों का अपना-अपना महत्व बताया गया है. पौष मास कृष्ण पक्ष में सफला एकादशी सभी रुके हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिए सबसे उत्तम दिन होता है, जो साल 2025 में 15 दिसंबर को आ रही है. इस दिन नया कारोबार शुरू करने या रुके हुए कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और नियम अनुसार एकादशी का व्रत करने मात्र से लाभ की प्राप्ति हो जाएगी.
सफला एकादशी का विशेष लाभ कैसे मिलेगा?
वह आगे बताते हैं कि कारोबार, करियर में यदि बनते-बनते काम रुक जाते हैं और काफी प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही तो सफला एकादशी का व्रत हरिद्वार में गंगा स्नान करने के बाद किया जाए तो लाख गुना ज्यादा लाभ की प्राप्ति होती है. हरिद्वार में सफला एकादशी व्रत का सबसे अधिक महत्व होता है. सफला एकादशी का विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए गरीब और जरूरतमंद लोगों को यदि सफेद रंग की वस्तुएं चावल, आटा, सफेद वस्त्र, मोती की माला और उनके दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएं दी जाए तो देवी एकादशी की कृपा से जीवन सुखमय और खुशहाल हो जाता है. सभी एकादशी में सफला एकादशी का सबसे विशेष महत्व बताया गया है. एकादशी तिथि 14 दिसंबर की शाम 6:50 से शुरू होकर 15 दिसंबर सोमवार की रात 9:19 तक रहेगी, जिसका शुभ समय सुबह 11:20 से दोपहर 12:04 तक का है.
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आर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Bharat.one से जुड़ गए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.







