Aniruddhacharya Wife Aarti Tiwari : इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा शर्मा की शादी इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है. जयपुर में हुए इस समारोह की तस्वीरें लगातार वायरल हो रही हैं. लेकिन इस शादी के बीच अचानक ही चर्चा एक और बड़े कथावाचक के निजी जीवन पर भी जा पहुंची वो नाम है स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज. वृंदावन में भक्ति से जुड़े लोगों के बीच उनका नाम बेहद सम्मान से लिया जाता है. उनकी कथा-शैली, भजन और सेवा कार्यों की वजह से लाखों लोग उन्हें सुनते और मानते हैं. लेकिन इस बार चर्चा उनके प्रवचन या किसी धार्मिक कार्यक्रम को लेकर नहीं, बल्कि उनकी पत्नी को लेकर है. सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछने लगे “स्वामी अनिरुद्धाचार्य की पत्नी कौन हैं?”, “क्या वे शादीशुदा हैं?”, “क्या उनका परिवार है?”. वजह यह है कि कई लोग उन्हें आज भी ब्रह्मचारी मानते थे और उन्हें एक ऐसे संत के रूप में देखते थे जो केवल आध्यात्मिक जीवन में ही डूबे हैं.
ऐसे में जब ये बात उजागर हुई कि उनकी पत्नी का नाम आरती तिवारी है और दोनों के दो बच्चे भी हैं, तो लोगों के मन में जिज्ञासा और बढ़ गई. आरती तिवारी कौन हैं? वे क्या करती हैं? उनका आध्यात्मिक सफर कैसा है? इन्हीं सभी बातों पर यह लेख आपको साफ और सरल जानकारी देता है.
कौन हैं आरती तिवारी?
स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज की पत्नी आरती तिवारी बेहद शांत स्वभाव और भक्ति से जुड़ी महिला हैं. लोग उन्हें आदर से गुरू मां के नाम से भी बुलाते हैं. आरती तिवारी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपने भजनों के वीडियो साझा करती रहती हैं. उनके भजनों की प्रस्तुति में सादगी और भाव का मेल देखने को मिलता है, जिस कारण उन्हें काफी पसंद किया जाता है.
धार्मिक कार्यक्रमों में वे अक्सर अपने पति के साथ दिखाई देती हैं. कहीं पूजा हो या सेवा से जुड़ा काम, दोनों को एक साथ सक्रिय रूप से देखा गया है. यही वजह है कि भक्तों के बीच यह जोड़ी एक आदर्श आध्यात्मिक परिवार के रूप में जानी जाती है.
स्वामी अनिरुद्धाचार्य कई बार अपने इंस्टाग्राम पर पत्नी और परिवार की तस्वीरें साझा करते हैं, जिन पर हजारों की संख्या में लाइक और कमेंट आते हैं. इन तस्वीरों को देखकर यह साफ झलकता है कि दोनों अपने आध्यात्मिक सफर के साथ-साथ पारिवारिक जीवन को भी सुंदर ढंग से निभा रहे हैं.
अनिरुद्धाचार्य महाराज का निजी और आध्यात्मिक सफर
स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को मध्य प्रदेश के दमोह जिले के छोटे से गाँव रिंवझा में हुआ. उनके पिता मंदिर में पूजा करते थे, इसलिए बचपन से ही उनका पूरा समय मंदिर, भजन और धार्मिक माहौल में बीतता था. छोटी उम्र में ही वे रामचरितमानस और श्रीमद्भागवत जैसे ग्रंथों को पढ़ने लगे थे.
उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध तिवारी था. धीरे-धीरे वे कथा-वाचन की ओर बढ़े और अपनी सरल भाषा, भावपूर्ण अंदाज़ और भक्तिभाव से वे पूरे देश में लोकप्रिय हो गए.
लेकिन अनिरुद्धाचार्य सिर्फ कथावाचन तक सीमित नहीं हैं. वे समाजसेवा में भी काफी आगे हैं.
उनके प्रमुख कार्य:
-गौरी गोपाल वृद्धाश्रम चलाते हैं, जहां बुजुर्गों की देखभाल और सुविधा पर खास ध्यान दिया जाता है.
-वृंदावन में गौसेवा और बंदर सेवा जैसे कामों में भी सक्रिय रहते हैं.
-ज़रूरतमंद बच्चों के लिए गुरुकुल भी संचालित करते हैं, जहां पढ़ाई, रहने की जगह और सामग्री बिना फीस के उपलब्ध कराई जाती है.
उनकी यही सेवाभावना और सरलता उन्हें एक आम कथावाचक से कहीं ज्यादा ऊंचाई देती है.
इंद्रेश–शिप्रा की शादी के बीच क्यों बढ़ी यह चर्चा?
इंद्रेश उपाध्याय की शादी की चर्चाओं के दौरान अचानक लोगों ने दूसरे कथावाचकों की निजी ज़िंदगी को भी जानना शुरू कर दिया. इसी क्रम में स्वामी अनिरुद्धाचार्य का नाम भी सामने आ गया.
जैसे ही सोशल मीडिया पर यह बात फैली कि वे शादीशुदा हैं और उनकी पत्नी का नाम आरती तिवारी है, लोग उनके परिवार के बारे में और जानकारी खोजने लगे. वजह यह है कि कई भक्त उन्हें संन्यासी रूप में देखते थे, जबकि वे परिवार के साथ रहते हुए भी आध्यात्मिक और सामाजिक सेवा में पूरी तरह समर्पित हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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