भारतीय खाना टमाटर के बिना अधूरा माना जाता है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जिनमें टमाटर डालना नुकसानदेह हो सकता है? खासकर सर्दियों में बनने वाली हरियाली वाली सब्जियों में टमाटर का गलत कॉम्बिनेशन सिर्फ स्वाद ही नहीं बिगाड़ता बल्कि पाचन और पोषण पर भी असर डालता है. आयुर्वेद और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कई सब्जियों का स्वभाव क्षारीय (alkaline) होता है, जबकि टमाटर तेज अम्लीय (acidic). इन दोनों का मिश्रण शरीर में गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी बढ़ा सकता है. इसलिए कुछ डिशेज में टमाटर न डालना ही बेहतर है.
मेथी की सब्जी में टमाटर क्यों नहीं डालें
मेथी कड़वे स्वाद वाली, गर्म तासीर और क्षारीय गुणों वाली सब्जी है. इसमें काफी मात्रा में आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो पेट को साफ रखते हैं और शुगर लेवल मैनेज करने में मदद करते हैं. लेकिन जब इसमें टमाटर डाला जाता है, तो इसकी अम्लीय प्रकृति मेथी की कड़वाहट को और बढ़ा देती है और उसका असली स्वाद बिगड़ जाता है. साथ ही मेथी में मौजूद आयरन टमाटर के एसिड से बांधकर शरीर में कम अवशोषित होता है, जिससे पोषण कम हो जाता है.
भिंडी और टमाटर
भिंडी एक चिपचिपी और हल्की सब्जी है जो पेट के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है. इसमें मौजूद म्यूकिलेज (चिपचिपा पदार्थ) पाचन को आसान बनाता है. लेकिन टमाटर डालने से भिंडी का यह म्यूकिलेज उसके साथ रिएक्ट कर और ज्यादा चिपचिपा हो जाता है, जिससे सब्जी सही तरह से पकती नहीं और स्वाद भी खराब होता है. कई लोग इसे खाने के बाद भारीपन, गैस या अपच की शिकायत भी करते हैं. इसलिए भिंडी में अमचूर या नींबू अंत में डालना ठीक है, लेकिन टमाटर से बचें.
अरबी में टमाटर
अरबी एक भारी और पचने में समय लेने वाली सब्जी है. इसमें स्टार्च ज्यादा होता है और यह जल्दी गैस बनाती है. ऐसे में अगर इसमें टमाटर जैसा अम्लीय तत्व मिला दिया जाए, तो यह गैस और एसिडिटी को और बढ़ा सकता है. टमाटर अरबी को और चिपचिपा बना देता है जिससे यह पेट पर भारी पड़ती है. अरबी को दही, धनिया, अजवाइन या नींबू के साथ पकाना अधिक अच्छा माना जाता है.
आलू-मटर में टमाटर
आलू और मटर दोनों ही स्टार्च और प्रोटीन वाले पदार्थ हैं. जब इन दोनों के साथ टमाटर डाला जाता है, तो यह इनके स्टार्च को और भारी बना देता है. इससे खाना पचने में देर लगती है और ब्लोटिंग बढ़ सकती है. साथ ही टमाटर की अम्लीय प्रकृति मटर के प्रोटीन को कम प्रभावी कर देती है. अगर आप हल्का और दादी-नानी वाला स्वाद चाहती हैं, तो आलू-मटर बिना टमाटर के बनाएं और स्वाद के लिए बस हल्का सा अमचूर डालें.
चना साग में टमाटर से घटता है आयरन
चना साग यानी चने और हरी पत्तेदार साग का कॉम्बिनेशन आयरन, कैल्शियम और फाइबर का बेहतरीन स्रोत है. पर टमाटर इसमें डालने से इसका आयरन अवशोषण कम हो जाता है क्योंकि टमाटर का एसिड आयरन को बाधित करता है. यही वजह है कि पारंपरिक गांव-घर में चना साग हमेशा बिना टमाटर के बनाया जाता है और खट्टापन ज़रूरत पड़े तो अमचूर या दही से आता है.
(Disclaimer- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है.)
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-avoid-adding-tomatoes-to-these-vegetables-it-can-ruin-both-taste-and-health-ws-ekl-9942480.html







