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Magh Maas Par Adbhut Sanyog 75 Saal Baad: माघ माह 3 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा. इस बार माघ मेला त्रिपुष्कर योग के साथ शुरू होगा. मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान से पाप खत्म होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.
देवघर. पौष महीने की समाप्ति के बाद हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ का महीना शुरू हो जाता है. शास्त्र के अनुसार माघ के महीने में स्नान दान का बहुत खास महत्व होता है. माघ के महीने में जो भी लोग गंगा स्नान करते हैं उनके सारे पाप खत्म हो जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं माघ के महीने में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन किया जाता है.
बेहद पवित्र होता है यह महीना
माघ मेला केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि साधु-संतों, गृहस्थों और आम श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक मिलन का मौका भी है. इस दौरान लोग आस्था के साथ संगम तट पर पहुंचकर पवित्र स्नान करते हैं और भगवान के प्रति अपनी भक्ति दिखाते हैं. तो आइए देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि कब से शुरू हो रहा है माघ मेला और क्या बन रहा है शुभ योग?
क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के जाने-माने ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि 3 जनवरी को पौष महीने की पूर्णिमा के साथ उसी दिन इस माह की समाप्ति होने जा रही है. उसके बाद 03 जनवरी से ही माघ माह की शुरुआत हो जाएगी और उसी दिन से माघ मेले की भी शुरुआत होने वाली है. माघ मेले का समापन महाशिवरात्रि के दिन होता है और पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि 15 फरवरी को है, इसलिए माघ मेले का समापन 15 फरवरी रविवार को होगा.
माघ की शुरुआत में बन रहा है अद्भुत योग
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि इस साल माघ महीने की शुरुआत 04 जनवरी दिन रविवार को होने जा रही है और इस दिन त्रिपुष्कर जैसा अद्भुत शुभ योग बनने जा रहा है. वहीं माघ मेले का समापन भी रविवार को हो रहा है. इस बार 75 साल बाद रविवार को ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. रविवार सूर्य का अपना दिन होता है.
क्या है माघ मेले का महत्व
माघ माह में दान और स्नान का खास महत्व है. शास्त्रों के मुताबिक माघ माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं. साथ ही व्यक्ति को अक्षय पुण्य मिलता है. यही वजह है कि हर साल मकर संक्रांति से पूरे माघ महीने तक बड़ी संख्या में भक्त संगम आकर स्नान, पूजा और आध्यात्मिक साधना करते हैं. अगर आपने भी महाकुंभ मिस कर दिया तो कोई बात नहीं, इस दिन संगम में डुबकी लगाइये. यह दिन भी बेहद पवित्र है.
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बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज़्म में मास्टर्स, गोल्ड मेडलिस्ट. पत्रकारिता का सफर दैनिक जागरण से शुरू हुआ, फिर प्रभात खबर और ABP न्यूज़ से होते हुए Bharat.one Hindi तक पहुंचा. करियर और देश की …और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.







