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Plot shape according to vastu। वास्तु के अनुसार कैसा हो प्लॉट का आकार


Best Vastu Plot Shapes : भूखण्ड का चयन केवल आर्थिक निवेश नहीं, बल्कि वास्तु और जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय माना जाता है. चाहे आप निवास के लिए घर बनाना चाहते हों या व्यापार-व्यवसाय की योजना बना रहे हों, भूखण्ड का आकार और दिशा आपके जीवन, सुख-शांति और समृद्धि पर सीधा प्रभाव डालते हैं. वास्तु शास्त्र में भूखण्ड के आकार को कई प्रकार से वर्गीकृत किया गया है, जैसे कि वर्गाकार, आयताकार, गोलाकार, त्रिकोणाकार, चक्राकार, गोमुखाकार, सिंहमुखाकार, टी आकार, षट्कोणाकार, अष्टकोणाकार आदि. सही आकार और दिशा वाला भूखण्ड जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है, घर या व्यापार में विकास बढ़ाता है और आर्थिक संपन्नता सुनिश्चित करता है. वहीं, असंगत आकार या दोषपूर्ण भूखण्ड पर निर्माण करने से नकारात्मक प्रभाव, रोग, मानसिक तनाव और आर्थिक हानि की संभावना बढ़ सकती है.

इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि निवास के लिए कौन-सा भूखण्ड शुभ है, व्यापार-व्यवसाय के लिए कौन-सा उपयुक्त है, और कुछ ऐसे आकार जिनसे बचना चाहिए. इसके अलावा, वास्तु शास्त्र के अनुसार गोमुखाकार, सिंहमुखाकार, टी आकार, षट्कोणाकार और अष्टकोणाकार भूखण्ड के विशेष फायदे और हानियों को भी समझेंगे. यदि आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो भूखण्ड का सही चयन करके जीवन और व्यवसाय में सफलता सुनिश्चित की जा सकती है.

गोमुखाकार भूखण्ड
गोमुखाकार भूखण्ड की लंबाई सामने कम और पीछे अधिक होती है.निवास के लिए शुभ माना जाता है.इस प्रकार के भूखण्ड पर मकान बनाना जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है.व्यापार-व्यवसाय के लिए गोमुखाकार भूखण्ड उपयुक्त नहीं है.व्यापार के लिए इस्तेमाल करने पर ग्रहदशा कमजोर होने पर हानि की संभावना बढ़ जाती है.

सिंहमुखाकार भूखण्ड
सिंहमुखाकार भूखण्ड का आगे का भाग लंबा और पीछे का छोटा होता है.व्यापार-व्यवसाय के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.इस भूखण्ड पर व्यापार करने से लाभ तेजी से बढ़ता है.निवास के लिए यह अनुकूल नहीं है. घर बनाने पर अशांति या नकारात्मक प्रभाव की संभावना रहती है.

Plot shapes in Vastu

टी आकार का भूखण्ड
टी आकार का भूखण्ड अंग्रेजी के “T” अक्षर के समान दिखता है.वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुभ माना जाता है.निवास या व्यापार दोनों के लिए यह कष्टकारक और अनिष्टकारी हो सकता है.इसके सुधार के लिए वास्तु शास्त्री की सलाह से अतिरिक्त भूमि अलग कर इसे उपयुक्त बनाया जा सकता है.

षट्कोणाकार भूखण्ड
षट्कोणाकार भूखण्ड की छह भुजाएं होती हैं.निवास के लिए अति शुभ माना गया है.यह भूखण्ड धन-संपदा और विशेष उन्नति लाने में मदद करता है.दो दिशाओं से त्रिकोणाकार होने के कारण किसी भी अशुभ प्रभाव से सुरक्षित रहता है.

अष्टकोणाकार भूखण्ड
अष्टकोणाकार भूखण्ड में आठ कोण होते हैं.यह भी निवास के लिए शुभफलदायक है.इस प्रकार के भूखण्ड पर निर्माण करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.वास्तु के अनुसार संशोधन कर इसे और अधिक फलदायी बनाया जा सकता है.

Plot shapes in Vastu

अन्य सामान्य भूखण्ड के आकार
वर्गाकार और आयताकार भूखण्ड सामान्यतः निवास और व्यापार दोनों के लिए अनुकूल माने जाते हैं.गोलाकार और चक्राकार भूखण्ड ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करते हैं और शुभ फल देते हैं.त्रिकोणाकार और पंखाकार भूखण्ड के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होता है.

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Last Updated:December 12, 2025, 23:19 ISTLungs Health Tips:...
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