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सुबह-सुबह सूर्य को अर्घ्य देने से मन शांत, शरीर तरोताजा और दिन पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर होता है. तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, कुमकुम और चावल डालकर अर्घ्य दें. जल को हाथ और शरीर पर लगाकर नेगेटिविटी दूर करें सेहत सुधारें और सुख-समृद्धि बढ़ाएं.

सुबह-सुबह सूर्य को जल चढ़ाना ये हिंदू धर्म में सिर्फ एक परंपरा नहीं है, बल्कि इसे बड़ा पुण्य वाला काम मानते हैं. लोग कहते हैं कि इससे न सिर्फ मन को सुकून मिलता है बल्कि शरीर भी तरोताजा हो जाता है और दिन की शुरुआत भी एक पॉजिटिव एनर्जी के साथ होती है.

महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य का मानना है कि उगते सूरज को अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य मज़बूत होता है. इसका सीधा असर हेल्थ, खुशहाली, और लाइफ की पॉजिटिविटी पर पड़ता है. इसको रोज़ की आदत बना लो तो और भी अच्छा.

अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा सबसे बढ़िया रहता है. उसमें लाल फूल, कुमकुम, और थोड़ा सा चावल डालकर जल चढ़ाओ. इस तरीके से अर्घ्य और भी पवित्र और असरदार हो जाता है.
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अर्घ्य देने के बाद उस पानी को ऐसे ही मत छोड़ो. जो जल ज़मीन पर गिरा है उसे अपने हाथ से छूकर माथे और शरीर पर लगाओ. इससे माना जाता है कि सूर्य की एनर्जी सीधे हमारे शरीर में आती है.

सूर्य से भरा ये जल शरीर के दोष दूर करता है. इसे लगाने से शरीर साफ होता है मन को भी शांति मिलती है और एक पॉजिटिव एनर्जी महसूस होती है. ये एक तरह का नैचुरल डिटॉक्स है.

पानी को छूकर शरीर पर लगाने से मन शांत रहता है सोच में स्थिरता आती है. नेगेटिविटी दूर होती है और अंदर से एक नया जोश आता है. दिनभर मूड अच्छा रहता है और फोकस बना रहता है.

सूर्य अर्घ्य के बाद जल का इस्तेमाल करने से लाइफ में सुख-समृद्धि बढ़ती है. इसे रोज़ करते रहो तो सेहत, पैसा और परिवार में खुशहाली बनी रहती है. इसका असर धीरे-धीरे ठहरता है, लेकिन असरदार है.







