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Kotgadi Devi Mandir Pithoragarh: कोटगाड़ी देवी मंदिर पिथौरागढ़ में न्याय, विश्वास और धैर्य का प्रतीक माना जाता है. भक्तों का मानना है कि देवी अन्याय के खिलाफ खड़ी होती हैं और सत्य का साथ देती हैं. मंदिर केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि कठिन परिस्थितियों में आशा और मार्गदर्शन का केंद्र भी है, जहां श्रद्धालु अपने विवादों और समस्याओं का समाधान पाते हैं.

पिथौरागढ़ के पांखू स्थित कोटगाड़ी देवी (Kotgari Devi Mandir) को शक्ति, धैर्य और सत्य का प्रतीक माना जाता है. भक्तों का मानना है कि देवी अन्याय के खिलाफ खड़ी होती हैं और सत्य का साथ देती हैं. यहां देवी का स्वरूप न केवल भक्तिभाव जगाता है, बल्कि मन में विश्वास भी भर देता है कि आखिर में न्याय की ही जीत होगी. इसी कारण यह मंदिर केवल पूजा-अर्चना का स्थल नहीं, बल्कि उम्मीद और धैर्य का सहारा भी है.

स्थानीय लोगों की आस्था है कि देवी सभी के साथ न्याय करती हैं. कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से देवी के सामने अपनी फरियाद रखता है, उसे उचित मार्गदर्शन और समाधान अवश्य मिलता है. इतना नहीं मां की कृपा से लंबे समय से उलझे विवाद भी सुलझते हैं. इसी विश्वास के कारण यहां न्याय की कामना लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.

कोटगाड़ी देवी मंदिर की एक विशेष मान्यता यह भी है कि देवी कोर्ट और कानूनी मामलों में सफलता दिलाने में मदद करती हैं. जिन लोगों के मुकदमे या कानूनी मामले लंबे समय से अटके रहते हैं, वे यहां आकर देवी से प्रार्थना करते हैं. भक्तों का विश्वास है कि देवी सत्य के पक्ष को मजबूत करती हैं और सही निर्णय की राह बनाती हैं. मंदिर में आपको हजारों पत्र और स्टांप मिल जाएंगे जो इस बात की गवाही देते हैं कि वाकई में भक्तों को यहां आकर राहत मिलती है.
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कोटगाड़ी देवी मंदिर में रोजाना पूजा, आरती और विशेष अनुष्ठान होते हैं. नवरात्रि, चैत्र और आश्विन माह में मंदिर में विशेष रौनक देखने को मिलती है. इन दिनों मां के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठता है. भक्त अपनी मन्नतें माय के चरणों में रखते हैं और पूरी होने पर धन्यवाद स्वरूप प्रसाद चढ़ाते हैं. कई लोग दीपदान और हवन भी कराते हैं.

मंदिर से जुड़े कई भक्त अपने अनुभव साझा करते हुए बताते हैं कि उन्होंने यहां सच्चे मन से प्रार्थना की और उन्हें राहत मिली. किसी को कोर्ट केस में जीत मिली, तो किसी को गलत आरोपों से मुक्ति. ऐसी कथाएं मंदिर की महिमा को और भी मजबूत बनाती हैं.

कोटगाड़ी देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि न्याय, विश्वास और आत्मबल का प्रतीक है. देवी के प्रति लोगों की अटूट आस्था यही दर्शाती है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद बनी रहती है. जो भी व्यक्ति सच्चे मन से देवी की शरण में आता है, उसे मानसिक शांति, मार्गदर्शन और न्याय जरूर मिलता है. यही कारण है कि पिथौरागढ़ की धरती पर स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं के दिलों में खास स्थान रखता है.







