Last Updated:
Hari Dhaniya Achar Recipe : हजारीबाग की फूड एक्सपर्ट रवीना कछाप द्वारा बनाया गया हरी धनिया का खट्टा-मीठा अचार झारखंड के आदिवासी परिवारों में सर्दियों में खास पसंद किया जाता है और शरीर को गर्म रखता है. इसका स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है.

हजारीबाग सहित झारखंड के कई इलाकों में सर्दियों के मौसम में घरों में पारंपरिक तरीके से बनाए जाने वाले खट्टे-मीठे अचार की खुशबू फैलने लगती है. खासकर आदिवासी परिवारों में यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है. जहां मौसमी सब्जियों और पत्तियों से अलग-अलग प्रकार के अचार तैयार किए जाते हैं. इन्हीं में से एक है धनिया का खट्टा-मीठा अचार, जिसे खास स्वाद और लंबे समय तक सुरक्षित रखने की क्षमता के कारण लोग बेहद पसंद करते हैं.

रेसिपी साझा करते हुए हजारीबाग की आदिवासी महिला रवीना कछाप बताती हैं कि धनिया का यह अचार न केवल स्वाद में बेहतरीन होता है. बल्कि सर्दियों में शरीर को गर्म भी रखता है. झारखंड के आदिवासी परिवार इस अचार को विशेष अवसरों, ठंड के मौसम और घर आए मेहमानों को परोसने के लिए भी बनाते हैं.

उन्होंने बताया कि अचार बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत ताज़े धनिया पत्तों की सफाई से होती है. धनिया पत्तों को हल्के तेल में कुछ देर तक पकाया जाता है. ताकि उनकी कच्ची गंध खत्म हो जाए और पत्ते थोड़ा नरम हो जाएं.
Add Bharat.one as
Preferred Source on Google

करीब 5 मिनट पकाने के बाद धनिया के पेट नरम पड़ जाते हैं और इसके बाद इन पत्तों को ठंडा करके पीस लिया जाता है, जो आगे चलकर अचार का मुख्य बेस बनता है.

उन्होंने बताया कि अगले चरण में एक कढ़ाई में जीरा, धनिया के बीज, लाल मिर्च और गोलकी डालकर हल्का रोस्ट किया जाता है. रोस्ट करने से मसालों की खुशबू और स्वाद दोनों बढ़ जाते हैं. ठंडा होने पर इन मसालों को भी दरदरा पीस लिया जाता है, जिसे अचार के अंतिम चरण में मिलाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि फिर कढ़ाई में तेल गर्म किया जाता है. उसमें लहसुन की कुछ कलियां डालकर हल्का भून लिया जाता है. इसके बाद लाल मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर डालकर मिश्रण को कुछ देर पकाया जाता है. यह प्रक्रिया अचार को गाढ़ा रंग और खास सुगंध देती है.

उन्होंने बताया कि अब इस तैयार मिश्रण में पहले से पीसा हुआ धनिया पत्ता डाल दिया जाता है. इसे धीमी आंच पर कुछ मिनट तक पकाया जाता है. पकने के बाद इसमें पिसा हुआ रोस्टेड मसाला मिलाया जाता है. इसके बाद गैस बंद कर मिश्रण को पूरी तरह ठंडा होने दिया जाता है. ठंडा होते ही धनिया का खट्टा-मीठा अचार तैयार हो जाता है.

झारखंड के कई आदिवासी यह अचार सर्दियों में शरीर को गर्म रखने, भोजन में स्वाद बढ़ाने और लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए खास तौर पर बनाया जाता है. यह अचार चावल, रोटी और खासकर सादे खाने के साथ बेहद स्वादिष्ट लगता है.

सर्दियों में इसे खाना बेहद ही पसंद करते हैं. इस अचार को आप दाल-चावल या रोटी सब्जी के साथ भी खा सकते हैं. यह अचार यहां मार्केट में भी मिलता है. इसे खाने के बाद हर कोई तारीफ करता है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-hari-dhaniya-achar-recipe-food-expert-raveena-kachhap-secret-hazaribagh-news-local18-ws-l-9963243.html







