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मूर्ति बड़ी या छोटी? घर के मंदिर में भगवान की प्रतिमा रखने के ये नियम हर किसी को पता होने चाहिए! – Uttar Pradesh News


Vastu Tips For God Idol: हिंदू धर्म ( सनातन धर्म) दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है. इसका कोई एक संस्थापक नहीं है, बल्कि यह विभिन्न परंपराओं, विश्वासों और दर्शन का समूह है. हिंदू धर्म के मूल ग्रंथ वेद, उपनिषद, रामायण और भगवद गीता हैं. इस धर्म में शिव, विष्णु, देवी और कई अन्य देवताओं की पूजा की जाती है और यह विश्वास किया जाता है कि उनके घर में स्थापित होने से सुख, शांति और समृद्धि आती है.

आजकल देखा जाता है कि कई घरों में पूजा-पाठ करने के बावजूद परिवार में सुख-शांति नहीं रहती और कई बार झगड़े या नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि घर में मूर्तियों की स्थापना सही तरीके से नहीं की जाती या उनके साइज, स्थान और विधि का ध्यान नहीं रखा जाता. आचार्य सोमप्रकाश शास्त्री के अनुसार, घर के मंदिर और मूर्तियों की सही स्थापना घर की सकारात्मक ऊर्जा के लिए बेहद जरूरी है. इस खबर में जानिए घर के मंदिर में किस साइज की मूर्तियां रखनी चाहिए. साथ ही मूर्ति स्थापना के पुराणों में क्या नियम बताए गए हैं.

घर के मंदिर में मूर्तियों का साइज कितना होना चाहिए?
आचार्य सोमप्रकाश शास्त्री बताते हैं कि घर में जो मूर्तियां रखी जाती हैं उनका साइज वास्तु के अनुसार 9 इंच होना चाहिए. इसे नौ उंगल भी कहते हैं. 9 इंच से बड़ी मूर्तियों को स्थापित करने के लिए विशेष पूजा और विधिवत प्रक्रिया की जरूरत होती है. छोटे साइज की मूर्तियां आसानी से घर में रखी जा सकती हैं और उनका नियमित पूजा-पाठ किया जा सकता है.

विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि मूर्तियों का साइज बहुत बड़ा होने पर इसे स्थापित करना और उसका दैनिक पूजा-पाठ करना कठिन होता है. इसलिए सामान्य घरों में 9 इंच से बड़ी मूर्तियों को स्थापित करने से पहले किसी योग्य ब्राह्मण या आचार्य की सलाह लेना जरूरी होता है.

शिवलिंग और अन्य देवताओं की स्थापना
वहीं, घर में शिवलिंग रखने के नियम भी पुराणों में बताए गए हैं. पत्थर, पारद या स्फटिक के शिवलिंग घर में स्थापित किए जा सकते हैं, लेकिन अंगूठे के साइज तक ही होना चाहिए. नर्मदेश्वर शिवलिंग भी घर में रखा जा सकता है, लेकिन इसके लिए विशेष मंत्र और पूजा अनिवार्य होती है.

पितृ और विशेष मूर्तियों का विधान
वह आगे बताते हैं कि बनारस के कुछ समुदायों में यमराज और अपने पूर्वजों के लिए पितृ मूर्तियां घर में रखी जाती हैं. पंचनारायण कर्म में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, यमराज और तत्पुरुष (पितरों की मूर्ति) रखी जाती है. यह पूरी प्रक्रिया सही ढंग से करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है.

बड़ी मूर्तियों की स्थापना और जिम्मेदारियां
यदि आप घर में 9 इंच से बड़ी मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, तो इसके लिए विधिवत प्रतिष्ठा और दैनिक पूजा अनिवार्य है. इसके लिए ब्राह्मण या आचार्य द्वारा प्रतिदिन भोग, प्रसाद और सेवा की व्यवस्था करनी होती है. बड़ी मूर्तियों के बिना विधि और नियमित पूजा के रखा जाना, घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के बजाय उल्टा असर डाल सकता है.
यह भी पढ़ें: घर के मंदिर में भूलकर भी ना रखें ये 5 चीजें, नहीं तो होंगे कंगाल

मूर्तियों की सही व्यवस्था जरूरी
घर में मंदिर का स्थान और मूर्तियों की दिशा भी बहुत महत्वपूर्ण है. मंदिर को घर के शांत और ऊंचे हिस्से में रखा जाना चाहिए. मूर्तियों के सामने दीपक, घी और धूप का नियमित उपयोग करना चाहिए. इसके साथ ही पूजा का समय नियमित होना चाहिए और विशेष अवसरों पर विशेष विधियों का पालन किया जाना चाहिए.

आचार्य सोमप्रकाश शास्त्री के अनुसार, मूर्तियों का सही आकार, सही स्थान और विधिवत पूजा-पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. यह न केवल परिवार के सदस्यों के लिए सुख-शांति और समृद्धि लाता है, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.


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