Seasonal Roti Benefits: भारत में रोटी सिर्फ खाना नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है. सुबह का नाश्ता हो या रात का खाना, थाली में रोटी होना लगभग तय रहता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो रोटी आप रोज खा रहे हैं, वो मौसम के हिसाब से सही भी है या नहीं? अकसर हम आदत के चलते एक ही तरह की रोटी पूरे साल खाते रहते हैं, जबकि शरीर की जरूरतें हर मौसम में बदलती रहती हैं. सर्दियों में शरीर को गर्मी और ज्यादा ताकत चाहिए, वहीं गर्मियों में हल्का और ठंडक देने वाला खाना जरूरी हो जाता है. सेलिब्रिटी शेफ और कुकिंग एक्सपर्ट पंकज भदौरिया इसी बात पर जोर देती हैं कि अगर हम मौसम के हिसाब से अनाज और रोटी चुनें, तो सेहत अपने आप बेहतर रहने लगती है. पुराने समय में दादी-नानी भी यही करती थीं. तब हर मौसम में अलग-अलग अनाज का इस्तेमाल होता था, जो शरीर को उस समय की जरूरत के मुताबिक पोषण देता था.
आज फिर वही समझ लौट रही है, बस फर्क इतना है कि अब इसे न्यूट्रिशन और आयुर्वेद से जोड़कर समझाया जा रहा है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सर्दी, गर्मी और हर मौसम में कौन-सी रोटी खाना शरीर के लिए सही रहता है, किन रोटियों से ताकत मिलती है और किनसे ठंडक. शेफ पंकज भदौरिया की आसान गाइड के जरिए आप भी अपनी थाली को मौसम के हिसाब से स्मार्ट बना सकते हैं.
सर्दियों में बाजरे की रोटी
सर्दियों का नाम आते ही बाजरे की रोटी अपने आप याद आ जाती है. बाजरा शरीर में अंदर से गर्मी पैदा करता है, जो ठंड के मौसम में बहुत फायदेमंद होता है. इसमें आयरन, फाइबर और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में होता है, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं होती और थकान भी कम लगती है. ठंडी हवा में जोड़ों में दर्द या जकड़न होती है, उसमें भी बाजरे की रोटी मददगार मानी जाती है. बाजरे की मोटी रोटी को घी लगाकर खाने से शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा मिलती है. सरसों के साग, लहसुन की चटनी या दही के साथ इसे खाना सर्दियों के लिए परफेक्ट माना जाता है.
ज्वार की रोटी सर्दियों और गर्मियों में
ज्वार की रोटी दोनों मौसमों में आराम से खाई जा सकती है. सर्दियों में यह शरीर को ताकत देती है और गर्मियों में पेट पर भारी भी नहीं पड़ती. इसमें फाइबर ज्यादा होता है, जिससे पाचन सही रहता है और कब्ज जैसी दिक्कतें नहीं होतीं. गर्मियों में ज्वार शरीर में ज्यादा गर्मी नहीं बढ़ाता और ठंडा असर देता है. वहीं सर्दियों में यह धीरे-धीरे ऊर्जा देता है, जिससे दिनभर सुस्ती नहीं आती. ज्वार की रोटी गरम पानी से गूंथने पर ज्यादा नरम बनती है और स्वाद भी अच्छा रहता है.

सर्दियों में मक्के की रोटी
मक्के की रोटी खास तौर पर सर्दियों की पहचान है. यह शरीर को भरपूर ऊर्जा देती है और ठंड से लड़ने की ताकत बढ़ाती है. मक्के में मौजूद कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे लंबे समय तक भूख नहीं लगती.
सर्दियों में जब शरीर को ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है, तब मक्के की रोटी बहुत काम आती है. इसे मक्खन, सरसों के साग या आलू की सब्जी के साथ खाना स्वाद और सेहत दोनों के लिए बढ़िया रहता है.
गर्मी में रागी की रोटी
गर्मी के मौसम में रागी की रोटी शरीर को ठंडक देती है. रागी में कैल्शियम भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत रखता है. ज्यादा पसीना आने से जो कमजोरी महसूस होती है, उसमें भी रागी मदद करता है.
यह पेट को ठंडा रखता है और एसिडिटी जैसी परेशानी से बचाता है. रागी की पतली रोटी या रागी डोसा दही के साथ खाने से गर्मियों में शरीर हल्का और तरोताजा महसूस करता है.

गर्मियों के लिए जौ की रोटी
जौ की रोटी गर्मियों के लिए एक शानदार विकल्प है. यह शरीर में जमा गर्मी को बाहर निकालने में मदद करती है और पेट को साफ रखती है. जौ में मौजूद फाइबर पाचन को दुरुस्त करता है और सूजन की दिक्कत कम करता है. जिन लोगों को गर्मियों में बार-बार प्यास लगती है या पेशाब से जुड़ी परेशानी रहती है, उनके लिए जौ की रोटी फायदेमंद मानी जाती है. इसे हल्का सा सेंककर खाना बेहतर रहता है.
सभी मौसमों के लिए गेहूं की रोटी
गेहूं की रोटी हर घर की पहली पसंद होती है और इसे पूरे साल खाया जा सकता है. यह न ज्यादा गर्म होती है और न ज्यादा ठंडी. इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करते हैं. अगर आपको कोई खास परेशानी नहीं है, तो गेहूं की रोटी हर मौसम में सुरक्षित और संतुलित विकल्प बनी रहती है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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